धारा 370 हटाए जाने के बाद से जहाँ जम्मू कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद है वहीं विकास कार्य को भी गति मिल रही है। राजधानी श्रीनगर में स्थित झेलम नदी पर एक पुल का निर्माण कार्य बहुत सालों से अटका हुआ था जिसे अब जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। बताया जा रहा है कि इस पुल के निर्माण के लिए एक 40 साल पुरानी मस्जिद को गिराया जाना है।

बहरहाल ख़बरों के अनुसार अब मुस्लिम समुदाय के लोग स्वयं इस मस्जिद को गिराने के लिए राजी हो गए हैं। राज्य के विकास कार्यों में बाधा ना पड़ कर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मिसाल पेश की है।

गौरतलब है कि झेलम नदी पर इस पुल का निर्माण कार्य पिछले दो दशक से प्रस्तावित है। इसके अंतर्गत साल 2002 में 10 करोड़ रुपये कि लागत के साथ इस पुल का निर्माण कार्य आरम्भ हुआ था। पर यह निर्माण कार्य कुछ आवासीय और वाणिज्यिक संरचनाओं के पुल के रास्ते में मौजूद होने कि वजह से आगे बढ़ नहीं पाई और तभी से यह परियोजना लंबित है।

बता दें कि कमरवारी के रामपुरा क्षेत्र में श्रीनगर जिला विकास आयुक्त शाहिद इकबाल चौधरी और मस्जिद अबू तुराब की प्रबंध समिति के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर हुई और इसके 24 घंटे के भीतर ही शनिवार को मस्जिद गिराने का काम आरम्भ कर दिया गया।

इस पूरे मामले पर स्थिति सामान्य करने के लिए डीडीसी ने मस्जिद मैनेजमेंट के साथ कई दौर की बातचीत की ताकि पुल निर्माण के लिए जमीन का अधिग्रहण हो सके। बातचीत के कई दौर के बाद ही मस्जिद मैनेजमेंट ने मस्जिद के हटाने के फैसले पर हामी भरी और इसके साथ ही श्रीनगर के कमरवारी और नूरबाग के बीच 166 मीटर लंबे दो-लेन वाले पुल निर्माण का रास्ता साफ हो गया।