मोदी सरकार ने भारत के इतिहास में 5 अगस्त 2019 की तारीख को स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज करा दिया है। मोदी सरकार ने सोमवार को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 A को खत्म कर दिया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में संकल्प पेश कर यह ऐलान किया । अब भारत के अन्य राज्यों के लोग भी वहां जमीन ख़रीद सकेंगे

पर क्या आप जानते हैं कि देश में ऐसे कई राज्य है जहां अनुच्छेद 371 (Article 371) लागू है। जिस कारण वहां पर अन्य भारतीय ज़मीन नहीं खरीद सकते। लोकसभा में मंगलवार को कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने अनुच्छेद 371 के मुद्दे को उठाया।

जानते है कहा कहाँ लागू है अनुच्छेद 371

अनुच्छेद 371 के तहत गुजरात और महाराष्ट्र के राज्यपाल को विशेष ज़िम्मेदारी सौंपी गई है। वे महाराष्ट्र के मराठवाड़ा,  विदर्भ, गुजरात के सौराष्ट्र, कच्छ के लिए एक अलग विकास बोर्ड निर्मित सकते है।  राज्यपाल के पास पूरा अधिकार है कि वह वोकेशनल ट्रेनिंग, टेक्निकल एजुकेशन, रोजगार के कार्यक्रमों की व्यवस्था कर सके।

गोवा के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने मई 2013 में, केंद्र सरकार से अनुरोध किया था कि अनुच्छेद 371 के तहत हिमाचल प्रदेश, मिज़ोरम और उत्तराखंड की तर्ज पर गोवा को विशेष दर्जा मिलना चाहिए।  गोवा सरकार का उद्देश्य इसके पीछे राज्य की पहचान को संरक्षित करना था।

आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 371 D के तहत राष्ट्रपति के पास यह अधिकार होता है कि वह राज्य सरकार को यह आदेश दे कि किस तरह के जॉब में किस वर्ग के लोगों को नौकरी दी जाए। इसके अलावा राज्य के लोगों को शिक्षण संस्थानों में आरक्षण दिया जाता है।  

अनुच्छेद 371 J के तहत कर्नाटक और हैदराबाद क्षेत्र में भी अलग विकास बोर्ड निर्मित करने का प्रावधान है। इसके अलावा जब 1972 में मणिपुर को राज्य बनाया गया तब विशेष प्रावधान देने हेतु अनुच्छेद 371 सी लाया गया।

अनुच्छेद 371 बी के मुताबिक असम को भी विशेष प्रावधान दिए गए है और अलग से मिजोरम का गठन किया गया है। अनुच्छेद 371G मिजोरम में लागू है। इसके तहत मिजोरम में केवल वहां के आदिवासी ही ज़मीन के स्वामी होंगे।

अनुच्छेद 371 F सिक्किम में लागु है जिसके तहत राज्य सरकार को समस्त राज्य की जमीन का अधिकार मिला है। अनुच्छेद 371 A नागालैंड में लागू है। इस प्रावधान के अनुसार वहां का नागरिक ही वहां ज़मीन खरीद सकता है।