भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार को चंद्रयान-2 के टेरेन मैपिंग कैमरे द्वारा क्रेटर के 3 डी व्यू की तस्वीर जारी की है। ये करीब 100 किलोमीटर ऑर्बिट से ली गई हैं। तस्वीर में देखा जा सकता है कि चांद पर काफी बड़ा गड्ढा है। वही अब एक और बड़ी खबर आ रही है की इसरो जल्द ही चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) को चांद पर भेजने की तैयारी कर रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार, इसरो ने चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) को बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। सूत्रों का कहना है कि इसके लिए नवंबर 2020 तक की समयसीमा तय की गई है। इसरो के विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि अगले साल तक चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग करना लगभग नामुमकिन है।

मीडिया की खबर के अनुसार, इसरो के एक अधिकारी ने बतया की कि किसी भी नए पेलोड यानी उपकरण को जरूरत के हिसाब से बनाने के लिए कम से कम तीन साल की रिसर्च होती है। क्योंकि, इसके लैंडर, रोवर, रॉकेट और पेलोड्स को तैयार किया जाता है। इसके बाद उसकी डिजाइन बनती है और फिर डेवलपमेंट होता है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक इसरो ने चंद्रयान-3 के लिए कई समितियों का भी गठन किया है। इस मिशन की खास बात ये होगी कि चंद्रयान-3 मिशन में सिर्फ लैंडर और रोवर भेजा जाएगा। इसमें ऑर्बिटर नहीं होगा ऐसा इसलिए क्‍योंकि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर पहले से ही चांद की कक्षा में है।