विक्रम लैंडर से संपर्क टूटने के बाद हाल ही में विक्रम का पता कल चल गया है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी (इसरो) ने विक्रम लैंडर के मात्र 2.1 किलोमीटर पहले रास्ता बदलकर हार्ड लैंडिंग करने की वजह की जांच शुरू कर दी है। शनिवार से ही इसरो हार्ड लैंडिंग के कारणों का पता लगाने के लिए विक्रम लैंडर की तस्‍वीरों की जांच कर रहा है। इसरो यह पता लगाने का प्रयास कर रहा है कि विक्रम के रास्ता भटकने का सही कारण क्या है यह मौसम की मार की वजह से हुआ या इसकी कुछ और वजह थी।

इस चंद्र मिशन से संबंधित एक वैज्ञानिक ने कहा, 'शनिवार को जब तस्‍वीरें ली गई तो हमें यह पता लगाना था कि जो वस्‍तु चांद की सतह पर दिखाई दे रही है, वह विक्रम ही है। इसके बाद हमने अक्षांश और देशांतर रेखा के आधार पर उसी स्‍थान की पुरानी तस्‍वीरों का विश्‍लेषण किया। पुरानी तस्‍वीरों में कोई वस्‍तु नजर नहीं आई। नई तस्‍वीरों में हमें एक वस्‍तु दिखाई दी। इसके आधार पर हमने यह अनुमान लगाया कि यह विक्रम लैंडर ही है।'

इसरो के एक सूत्र ने बताया कि अभी यह पता लगाना शेष है कि विक्रम पर रखा ट्रांसपोंडर अभी भी पूर्ण रूप से सुरक्षित है कि नहीं। इससे पहले कहा गया था कि ऑर्बिटर विक्रम लैंडर का 3 दिन के भीतर पता लगा सकता है। डेटा का विश्‍लेषण कर रहे एक वरिष्‍ठ वैज्ञानिक ने कहा कि इसरो की जांच में 'अज्ञात' या 'प्राकृतिक घटना' पर भी फोकस किया जा रहा है जिसके कारण से विक्रम अपने रास्‍ते से भटक गया।

एक वरिष्‍ठ वैज्ञानिक ने बताया कि चंद्रमा की सतह की तरफ बढ़ते समय लैंडर पर कुछ 'अज्ञात' प्रभाव आ सकता है जिसके कारण से उसे रिकवर नहीं किया जा सका। उन्‍होंने कहा, 'यह प्राकृतिक घटना भी हो सकती है, हमने अभी इसका पता नहीं लगाया है। हम इसका पता लगा रहे हैं।' इसरो चीफ के. सिवन ने कहा, 'अभी हमारे पास कुछ खास नहीं है.. अभी हमें कुछ भी ठोस जानकारी नहीं मिली है। हम अभी भी सूचना का विश्‍लेषण कर रहे हैं। लेकिन हां, हम इन सभी पहलुओं पर विचार कर रहे हैं।'