चांद पर भारत के मून लैंडर विक्रम की लैंडिग से ठीक 2.1 किमी पहले इसरो से संपर्क टूट गया। यह सम्पर्क क्यों टूटा इसका अभी तक कुछ पता नहीं चल सका है। इन सबसे परे इसरो के वैज्ञानिकों को पीएम मोदी ने उनकी उपलब्धियों पर बधाई दी साथ ही उनका मनोबल भी बढ़ाया। जब पीएम मोदी इसरो के कमांड सेंटर से बाहर निकले तो इसरो चीफ के सिवन उनसे मिलकर बहुत भावुक हो गए।

पीएम मोदी से गले लगकर इसरो चीफ के सिवन रोने लगे। उन्हें देखकर पीएम मोदी भी भावुक हो गए। मोदी ने के सिवन का हौसला बढ़ाया। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम निश्चित रूप से सफल होंगे। इस मिशन के अगले प्रयास में और इसके बाद के प्रत्येक प्रयास में भी कामयाबी हमारे साथ रहेगी।

पीएम ने इसरो वैज्ञानिकों और देश को संबोधित करते हुए कहा कि हर संघर्ष, हर मुश्किल, हर कठिनाई, हमें कुछ नया सिखा कर जाती है, कुछ नए आविष्कार, नई टेक्नोलॉजी के लिए प्रेरित करती है और इसी से हमारी आगे की सफलता तय होती हैं। ज्ञान का यदि सबसे बड़ा शिक्षक कोई है तो वो विज्ञान है। विज्ञान में विफलता नहीं होती, केवल प्रयोग और प्रयास होते है।

पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों से कहा कि मैं कहना चाहता हूँ कि भारत आपके साथ है। आप सब एक महान प्रोफेशनल हैं जिन्होंने देश की प्रगति हेतु संपूर्ण जीवन दिया और देश को मुस्कुराने और गर्व करने के कई अवसर दिए। आप लोग मक्खन पर लकीर करने वाले लोग नहीं हैं पत्थर पर लकीर करने वाले लोग हैं।