इंदौर में ट्रैफिक व्यवस्था ठीक नहीं है इसे भलीभांति सब जानते है। इसका एक कारण यह भी है कि सड़को पर लोग अतिक्रमण करके दुकानें लगाते है जिसके कारण यातायात बाधित होता है। अतिक्रमण को हटाने के लिए नगर निगम को कभी कभी सख्त कार्यवाही करनी पड़ती है।
अभी हाल ही में एमआर-10 स्थित चंद्रगुप्त चौराहे छोटे छोटे दुकानदारों द्वारा सब्जी के ठेले लगाए जा रहे है और उसी चौराहे के पास निर्माण कार्य भी हो रहा है जिसके कारण उस मार्ग पर यातायात प्रभावित हो रहा है और रोज ट्रैफिक जाम की समस्या भी उत्पन्न हो रही है। इसी समस्या को देखते हुए क्षेत्रीय पार्षद ने नगर निगम को इसे हटाने के लिए शिकायत की थी। शिकायत करने के बाद नगर निगम की रिमूवल टीम कार्यवाही करने के लिए एमआर-10 चौराहे पर पहुंची थी।
निगम के दस्ते ने एमआर-10 चौराहे से अतिक्रमण कर रहे इन सभी दुकान वालों को हटाने के लिए कार्यवाही शुरू की उसके बाद बड़ी संख्या में क्षेत्रीय लोग और महिलाएं बीच बचाव के लिए इकट्ठा हो गए और इन लोगों ने निगम के अमले पर पथराव करना शुरू कर दिया। पथराव के बाद निगम के कर्मचारियों ने इन लोगों और महिलाओं पर लाठियों से हमला कर दिया। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुआ है जिसमे आप देख सकते है कि किस तरह निगम कर्मी महिलाओं के साथ मारपीट कर रहे है।
यह वीडियो भोपाल स्थित नगरीय प्रशासन विभाग के अफसरों को भी भेजा गया जिसके बाद नगरीय प्रशासन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने निगम आयुक्त आशीष सिंह ने इस पर जवाब माँगा और जिम्मेदार लोगों पर कार्यवाही के आदेश भी दिए है। निगम आयुक्त इस पूरे मामले में कार्यवाही करते हुए रिमूवल विभाग के दो सुपरवाइजर्स अनिल शर्मा एवं दिनेश जूनवाल को निलंबित किया है। सुपरवाइजरों के निलंबन की जानकारी मिलने के बाद रिमूवल विभाग के अफसरों ने निगमायुक्त के सामने पक्ष रखते हुए कहा कि "कार्रवाई के दौरान महिलाओं ने पत्थर चलाना शुरू कर दिया था, जिसके चलते टीम के सदस्य उन्हें रोक रहे थे, लेकिन वो नहीं मान रही थी।"
रिमूवल विभाग के अफसरों द्वारा अपना पक्ष रखने के बाद निगमायुक्त ने कहा कि "घटना के समय जो भी परिस्थिति रही हो वो जांच का विषय हो सकता है, लेकिन महिलाओं के साथ मारपीट गलत है। इसके चलते निलंबन की कार्रवाई की गई है और नगर निगम की टीम के साथ जिन लोगों ने मारपीट की है, हम उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करेंगे।"