मोदी सरकार द्वारा चलाये गए स्वच्छ भारत अभियान के तहत देश के सभी शहरों को स्वच्छ रखने की अपील की गयी थी ताकि देश के शहर स्वच्छ रहेंगे तो देश स्वच्छ रहेगा। इस अभियान के तहत कुछ सीमा तय करके सबसे स्वच्छ शहरों को अवार्ड देकर सम्मानित भी किया जाता है। इंदौर देश का एकमात्र शहर है जो विगत 2 वर्षो से नंबर 1 पर आता रहा है और इस बार भी स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 में वह तीसरी बार नंबर 1 पर आया है।

इसकी घोषणा बुधवार को दिल्ली में हुए स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 के समारोह की गई है। इस सर्वे में इंदौर लगातर तीसरी बार अव्वल रहा है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सबसे स्वच्छ शहर का पुरस्कार इंदौर को प्रदान किया। इंदौर की ओर से यह पुरस्कार महापौर मालिनी गौड़ ने ग्रहण किया। देश की स्वच्छ राजधानियों में भोपाल पहले स्थान पर है। वही 5 लाख से कम आबादी वाले शहरो में बाबा महांकाल की नगरी उज्जैन शहर ने बाज़ी मारी है।

पुरस्कार की घोषणा होते ही इंदौर और भोपाल के लोगों में खुसी है और यंहा लोग मिठाई बाटकर जश्न मना रहे है। उज्जैन में भी लोग ख़ुशी के मारे झूम उठे है। आपको बता दे स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 के लिए आयी सर्वे टीम करीब जनवरी से सर्वेक्षण का रही थी। जिसमे 4237 शहरों का सर्वे किया गया था जिसमे इंदौर ने बाज़ी मारी है। सर्वेक्षण के लिए सोशल मीडिया पर करीब 4 करोड़ लोगो से फीडबैक लिए थे।

इस कारण आया इंदौर नंबर 1

  • कचरा गाड़ियों की मॉनिटरिंग के लिए जीपीएस,
  • कंट्रोल रूम और 19 जोन की अलग-अलग 19 स्क्रीन।
  • इंदौर में पहला डिस्पोजल फ्री मार्केट है।
  • करीब 30 हज़ार घरो में गीले कचरे से होम कम्पोस्टिंग का काम किया है।
  • सूखे कचरे से शहर के जरूरतमंद लोगो को रोजगार प्रदान करना।
  • इंदौर देश का पहला ऐसा शहर है जहां ट्रेंचिंग ग्राउंड पर बैठकर खाना खाया जा सकता है।