हमार देश के कई सेलेब्स आये दिन देश विरोधी बाते कर देते हैं। वे नहीं सोचते की इसका परिणाम वैश्विक स्टार पर बुरा भी पर सकता है।  उदाहरण स्वरूप आप कुछ मामलों को देख सकते हैं। जैसे आतंकी याकूब मेनन की फांसी रुकवाने के लिए बॉलीवुड के कई कलाकार खड़े हो गए थे। 26/11 आतंकी हमले के बाद महेश भट्ट जैसे फिल्म निर्देशक एक ऐसे कार्यक्रम में गए जहाँ इस हमले का दोष भारत के संगठन आरएसएस को दिया जा रहा था। इसके अलावा कई कलाकार आये दिन पाकिस्तान समर्थित बाते करते रहते हैं। जबकि अगर पाकिस्तानी सेलेब्स को देखें तो वे कभी भी पाकिस्तान और पाकिस्तानी सरकार के क़दमों का विरोध नहीं करते खासकर जब मसला देश का होता है।

कल जब 5 दिन चुप्पी साधने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले पर बोलने आये तो उन्होंने वही पुरानी घिसी पिटी बातें बोली जो सालों से ऐसे मौकों पर पाकिस्तान बोलता आया है। पर इसके बावजूद पाकिस्तानी सेलेब्स ने अपने पीएम के बयान की तारीफ़ की और समर्थन किया।

भारत में कई फिल्मों में काम कर चुके पाकिस्तानी अभिनेता अली जफ़र ने इस मसले पर अपनी कर्मभूमि भारत के बजाय अपनी जन्मभूमि पाकिस्तान के साथ खड़े होना स्वीकार किया। अपने प्रधानमंत्री इमरान खान के स्पीच के वीडियो रीट्वीट करते हुए उन्होंने उसकी तारीफ की जबकि पुलवामा के शहीदों पर उन्होंने एक शब्द नहीं कहा।

अली जफ़र के अलावा क्रिकेट स्टार शाहिद अफरीदी ने भी अपने देश का पक्ष लिया जबकि उन्होंने भारत में कमेंट्री कर के खूब पैसे बनाये हैं लेकिन फिर भी जब देश की बात आयी तब वे अपने देश के तरफ खड़े नजर आये। उन्होंने भी पुलवामा के शहीदों पर एक शब्द खर्च नहीं किया लेकिन जब पाकिस्तानी पीएम ने इस पर भाषण देते हुए इसके पीछे पाकिस्तानी हाथ होने से इंकार किया तो उन्होंने अपने पीएम के इस बयान का खुल कर समर्थन किया।