बालाकोट में हुए एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान द्वारा भारतीय सीमा में घुसपैठ करने का मामला अभी तक थमता नजर नहीं आ रहा है। पाकिस्तान शुरू से ही इस बात को नकारने में लगा हुआ है की उसने भारत के खिलाफ F16 का इस्तेमाल किया था।

आपको बता दे की भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने 8 अप्रैल को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया जिसमे 27 फरवरी की सुबह हुए हवाई हमले की रडार से ली गई तस्वीरों को जारी किया गया।

यह पूरी घटना कुछ इस तरह हुई थी कि भारतीय वायुसेना के रडार ने पाकिस्तान एयरफोर्स के विमान तीन ग्रुप्स में 27 फरवरी की सुबह भारत की ओर आते हुए देखा। जिसमे से उत्तर की ओर JF 1 और शेष दो ग्रुप्स F16 के थे। पाकिस्तान की तरफ से कुल 24 जहाज आये थे जिसमे से 11 जहाज F16 थे।

भारतीय वायुसेना द्वारा इसकी जवाबी कार्यवाही के लिए जेट्स भेजे गए।  इसके बाद पाकिस्तान के जेट्स ने AMRAAM मिसाइल चलाना शुरू किया। मिग 21 बाइसन को विंग कमांडर अभिनंदन चला रहे थे। पाकिस्तान का F16 क्रैश हुआ और वह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के सब्ज़कोट क्षेत्र में जा गिरा।  इसके साथ ही विंग कमांडर अभिनंदन का मिग 21 भी उसी समय क्रैश हुआ और वह विमान से सुरक्षित बाहर आ गए। परन्तु उनका पैराशूट पाकिस्तानी सीमा में उतरा।

नौशेरा के जंगर सेक्टर में तैनात भारतीय सेना की पोस्ट्स द्वारा 2 पैरासूट को नीचे उतरते देखा गया। जो की 8-10 किलोमीटर की दूरी पर थे। पाकिस्तान ने भी पहले दो पायलेट को हिरासत में लेने की बात कही थी। जिसमे एक को CMH अस्पताल ले जाया गया था और दूसरे विंग कमांडर अभिनंदन थे। लेकिन कुछ समय के बाद पाकिस्तान ने विंग कमांडर अभिनंदन को हिरासत में लेने की बात को ही स्वीकारा।

पाकिस्तान ने इस हवाई हमले के विषय में कहा की उसने  F16 का इस्तेमाल नहीं किया है। वह इस लिए क्योंकि अमेरिका के साथ जो समझौता हुआ था उसमे पाकिस्तान  F16 का इस्तेमाल नियमानुसार ही कर सकता है। परन्तु यह बात खुद पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता आसिफ गफूर द्वारा  कही गयी थी कि आत्मरक्षा के लिए  F16 का इस्तेमाल किया था।

भारतीय वायुसेना ने अब प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा है की उनके पास 27 फरवरी के हवाई हमले के पुख्ता सबूत है। लेकिन उन्होंने सुरक्षा कारणों से अभी इन्हे सार्वजनिक नहीं किया है।