हरियाणा में अपनों को छोड़ स्टार उम्मीदवारों पर भरोसा करना भाजपा को पड़ गया भारी

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Nikhil Talwaniya
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हरियाणा में अपनों को छोड़ स्टार उम्मीदवारों पर भरोसा करना भाजपा को पड़ गया भारी

भारतीय जनता पार्टी इसबार हरियाणा में ‘अबकी बार, 75 पार’ के नारे के साथ चुनाव में उतरी मगर उसका मिशन अधूरा रह गया है। इस बार भाजपा बहुमत के आंकड़े से दूर रही, बीजेपी को मनोहर लाल खट्टर की अगुवाई में केवल 40 सीटें ही हासिल हुईं। यानी सरकार बनाने के लिए 6 विधायकों की आवश्यकता है। यदि नतीजों को देखे तो 7 सीटें निर्दलीयों के खाते में गई हैं और यही बीजेपी के बहुमत से दूर होने की वजह बने हैं क्योंकि इनमें से 4 विधायक ऐसे हैं, जिन्हें भाजपा ने टिकट नहीं दिया था।

चुनाव से पहले हरियाणा में टिकट वितरण के दौरान भाजपा ने खट्टर सरकार के प्रति एंटी इन्कम्बेंसी हटाने हेतु टिकटों में परिवर्तन किया। दूसरे दल से लोग आए और कई स्टार भी मैदान में उतरे परंतु इसी में भाजपा के अपने नेता नाराज़ हो गए।

इन चार विधायकों में थे दादरी विधानसभा सीट से सोमबीर सांगवान। इन्हें बीजेपी ने टिकट नहीं दिया था। उनकी जगह बीजेपी ने दंगल गर्ल बबीता फोगाट को इस बार मैदान में उतारा परंतु उनके ही खिलाफ निर्दलीय लड़कर सोमबीर ने उन्हें मात दे दी।  

फरीदाबाद की पृथला सीट से नयन पाल रावत को भी बीजेपी से टिकट ना मिलने की वजह से उन्होने निर्दलीय चुनाव लड़ा और बड़े अंतर से चुनाव जीता।  

बीजेपी ने महम विधानसभा सीट से बलराज कुंडू को इस बार टिकट ना देकर शमशेर खरकड़ा को अवसर दिया। बलराज कुंडू को यह रास नहीं आया और बाद में उन्होंने निर्दलीय ही चुनाव जीत लिया।

इस बार भाजपा से पुंडरी विधानसभा सीट से रणधीर सिंह गोलन को टिकट ना मिलने की वजह से  बागी रुख अपनाने वाले रणधीर सिंह ने जीत दर्ज की है।  

इस बार भारतीय जनता पार्टी ने स्टार पावर पर भरोसा किया जिसके चलते कई अपनों के टिकट काट दिये। भाजपा को यही भारी पड़ गया। पहलवान योगेश्वर दत्त भी हार गए, दंगल गर्ल बबीता फोगाट चुनाव हार गईं, टिकटॉक की स्टार सोनाली फोगाट भी अपनी सीट नहीं बचा सकीं साथ ही साथ विदेश से नौकरी छोड़ कर आयी नौक्षम भी चुनाव हार गई।

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