जम्मू कश्मीर से धारा 370, 35 ए के हटने बाद पहली बार राहुल गांधी एवं अन्य पार्टी के नेता जम्मू कश्मीर का दौरा करने के लिए गए थे परन्तु उन्हें रास्ते से ही वापस लौटा दिया गया था। जम्मू कश्मीर से वापस लौटाए जाने के बाद राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर विरोध किया। इस विरोध के बाद बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने राहुल गांधी और अन्य पार्टी के नेता जो जम्मू कश्मीर गए थे उनका विरोध किया। इसका विरोध करते हुए मायावती ने तीन ट्वीट किये जिसमे उन्होंने बताया की धारा 370, 35 ए को जम्मू कश्मीर से हटाने का विरोध उन्होंने क्यों नहीं किया था।
मायावती ने ट्वीट कर के कहा "जैसा कि विदित है कि बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर हमेशा ही देश की समानता, एकता व अखंडता के पक्षधर रहे हैं इसलिए वे जम्मू-कश्मीर राज्य में अलग से धारा 370 का प्रावधान करने के कतई भी पक्ष में नहीं थे। इसी खास वजह से बीएसपी ने संसद में इस धारा को हटाये जाने का समर्थन किया।"
1. जैसाकि विदित है कि बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर हमेशा ही देश की समानता, एकता व अखण्डता के पक्षधर रहे हैं इसलिए वे जम्मू-कश्मीर राज्य में अलग से धारा 370 का प्रावधान करने के कतई भी पक्ष में नहीं थे। इसी खास वजह से बीएसपी ने संसद में इस धारा को हटाये जाने का समर्थन किया।
— Mayawati (@Mayawati) August 26, 2019
अपने दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा कि "लेकिन देश में संविधान लागू होने के लगभग 69 वर्षों के उपरान्त इस धारा 370 की समाप्ति के बाद अब वहाँ पर हालात सामान्य होने में थोड़ा समय अवश्य ही लगेगा। इसका थोड़ा इंतजार किया जाए तो बेहतर है, जिसको माननीय कोर्ट ने भी माना है।"
2. लेकिन देश में संविधान लागू होने के लगभग 69 वर्षों के उपरान्त इस धारा 370 की समाप्ति के बाद अब वहाँ पर हालात सामान्य होने में थोड़ा समय अवश्य ही लगेगा। इसका थोड़ा इंतजार किया जाए तो बेहतर है, जिसको माननीय कोर्ट ने भी माना है।
— Mayawati (@Mayawati) August 26, 2019
और अपने तीसरे ट्वीट में उन्होंने कांग्रेस और विपक्ष के नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि "ऐसे में अभी हाल ही में बिना अनुमति के कांग्रेस व अन्य पार्टियों के नेताओं का कश्मीर जाना क्या केन्द्र व वहां के गवर्नर को राजनीति करने का मौका देने जैसा इनका यह कदम नहीं है? वहाँ पर जाने से पहले इस पर भी थोड़ा विचार कर लिया जाता, तो यह उचित होता।"
3. ऐसे में अभी हाल ही में बिना अनुमति के कांग्रेस व अन्य पार्टियों के नेताओं का कश्मीर जाना क्या केन्द्र व वहां के गवर्नर को राजनीति करने का मौका देने जैसा इनका यह कदम नहीं है? वहाँ पर जाने से पहले इस पर भी थोड़ा विचार कर लिया जाता, तो यह उचित होता।
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