पिछले साल के शुरुआत में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों द्वारा पुलवामा में किये गए हमले में शहीद हुए जवानों की शहादत का बदला लेने के लिए भारतीय सेना ने पाक में आतंक के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी। भारत के इस कदम के लिए अमेरिका जैसे कई बड़े-बड़े देशों द्वारा भारत की सराहना की गई थी। विश्व के सभी बड़े देशों ने आतंक के खिलाफ इस युद्ध में भारत का समर्थन देने की बात भी कही गई।
जब लगभग पूरा विश्व समुदाय पाकिस्तान के खिलाफ हो गया तो पाकिस्तानी नेता आये दिन सोशल मीडिया के माध्यम से फेक न्यूज़ और अफ़वाह फैलाने में लग गए। पहले धारा 370 हटाए जाने के बाद और अब CAA के विरोध प्रदर्शनों के बहाने पाकिस्तान के बड़े बड़े नेता और पाकिस्तान सरकार के मंत्री तक फेक न्यूज़ फैलाते नजर आ रहे हैं। इसी कड़ी में पिछले दिनों पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान नियाजी (Imran Khan Niazi) ने कुछ पुराने वीडियोज को ट्वीट कर उसे उत्तरप्रदेश का बताया और अफ़वाह फैलाने की कोशिश की हालाँकि इस पर उत्तरप्रदेश पुलिस ने उन्हें करारा जवाब दिया।
दरअसल पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने बांग्लादेश की राजधानी ढाका के कुछ पुराने वीडियो को ट्वीट किया और इसे भारत के उत्तरप्रदेश का बताया। बता दें की इस वीडियो में पुलिस के जवान मुस्लिम युवकों को पीटते नजर आ रहे थे। बहरहाल इमरान खान के इस झूठ का जवाब भारत की तरफ से संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने दिया। उन्होंने इमरान द्वारा ट्वीट की गई वीडियो पर जबाब देते हुए कहा कि 'ऐसा फर्जीवाड़ा पाकिस्तान की तरफ से बार-बार होता है। इसमें कोई नई बात नहीं है।'
बता दें की इमरान खान ने जो वीडियो ट्वीट किया उसमे उन्होंने लिखा, 'उत्तर प्रदेश में यूपी पुलिस का मुस्लिमों के खिलाफ में अभियान।' यूपी पुलिस ने भी इमरान के इस ट्वीट पर जवाब देते हुए बताया कि वीडियो उत्तर प्रदेश का नहीं है।
यूपी पुलिस के साथ साथ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने भी इमरान के इस फर्जीवाड़े पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘फर्जी खबर ट्वीट करो। पकड़े जाओ। ट्वीट डिलीट करो। फिर से वही काम करो।’
बता दें की इमरान खान को जब पता चला की उनके झूठ का भांडा फूट गया है तब उन्होंने अपने वीडियोज वाले ट्वीट डिलीट कर लिए थे।