अभिनंदन के पास राफेल होता तो स्थिति कुछ और होती: पूर्व वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ

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Nikhil Talwaniya
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अभिनंदन के पास राफेल होता तो स्थिति कुछ और होती: पूर्व वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ

चंडीगढ़ में आयोजित मिलिट्री लिटरेचर फ़ेस्टिवल समारोह में पूर्व वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ‘अंडरस्टैंडिग द मैसेज ऑफ बालाकोट’ विषय पर चर्चा कर रहे थे। इस विषय पर चर्चा करते हुए पूर्व वायुसेना प्रमुख ने बताया कि अगर अभिनंदन के पास एडवांस्ड एयरक्राफ्ट होता तो नतीजा कुछ और होता। इन सब के लिए उन्होंने उन लोगों को जिम्मेदार बताया जिसकी वजह से भारतीय रक्षा क्षमताओं को सक्षम बनाने में देरी हुई है।

चर्चा में उन्होने बताया "बहुत कम समय के लिए इस मामले से यही सबसे बड़ा सबक मिला है कि तकनीक मायने रखती है। क्या होता अगर विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान मिग21 बाइसन की जगह राफेल को उड़ा रहे होते। हमने तकनीक की समस्या को बहुत कम हल किया है।"

26 फरवरी, 2019 को बालाकोट पर हवाई हमले के बाद भारतीय वायुसेना पाकिस्तान पर हमला करने के लिए पूरी तरह तैयार थी। पाकिस्तान पर किये गए हवाई हमले के जवाब में अगर पाकिस्तान की सेना भारत के सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाती तो इसका जवाब भी भारतीय वायुसेना ने तैयार कर रखा था। तब पाकिस्तान की सेना हमारे निशाने पर थी और हम पूरी तरह से तैयार थे।

आगे उन्होंने बताया "जब वायुसेना ने बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई की थी, तो इसका मतलब भी यही था कि भारत भी पाकिस्तान के साथ युद्ध नहीं चाहता था, बस वह 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आत्मघाती आतंकी हमले का जवाब देना चाहता था। तब पाकिस्तान आर्थिक संकटों का सामना कर रहा था, अगर वे हमारे साथ युद्ध करते तो उनको हकीक़त में ही घास की रोटियाँ खानी पड़ती, जैसा कि कभी उनके पूर्व पीएम जुल्फिकार अली भुट्टो ने दावा किया था।"

मोदी सरकार की सराहना करते हुए वायुसेना प्रमुख ने कहा "सरकार और राजनीतिक इच्छाशक्ति साफ थी कि पड़ोसी मुल्क को ऐसे हमलों की कीमत चुकानी होगी, चाहें आप कहीं भी हों। बालाकोट का मकसद पाकिस्तान और आतंकी आकाओं को संदेश देना था कि भारत में आतंकी हमलों की कीमत चुकानी होगी। आतंकियों को भारत सरकार के जवाब में बुनियादी बदलाव आ रहा है।"

ग़ौरतलब है कि 1993 के मुंबई बम धमाके, और 2008 के मुंबई आतंकी हमले के जैसी बड़ी घटनाओं पर उस समय की सरकार ने किसी भी प्रकार की कोई जवाबी कार्यवाही नहीं की थी। जब 2016 में उरी में हमला हुआ उसके जवाब में भारतीय सेना ने आतंकी शिविर नष्ट किये थे। इससे पाकिस्तान को एक संदेश मिल कि भारत अब उनकी ज़मीन में घुस कर सैन्य कार्यवाही भी कर सकता है।

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