कैसे किया गया भारतीय परमाणु प्लांट को हैक और यह कितना खतरनाक हो सकता है?

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Nikhil Talwaniya
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कैसे किया गया भारतीय परमाणु प्लांट को हैक और यह कितना खतरनाक हो सकता है?

कुछ समय पहले जानकारी मिली थी की भारतीय न्यूक्लियर पॉवर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NPCIL) के कुडनकुलम न्यूक्लियर पॉवर प्लांट में साइबर अटैक हुआ है। पहले विभाग ने इस अटैक को नकारा था पर बाद में इस अटैक को स्वीकारा है। विभाग की तरफ से एक स्टेटमेंट जारी किया गया जिसमे बताया गया कि "NPCIL के सिस्टम में मैलवेयर पाए जाने की खबर सही है। CERT ने 4 सितंबर 2019 को इसे नोटिस किया है और जानकारी दी गई है।"

इस जानकारी के मिलने के बाद डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी ने इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी और जांच में पाया गया कि "ये प्रभावित कंप्यूटर एक यूजर का है जो इंटरनेट से कनेक्टेड था और ये ऐडमिनिस्ट्रेटिव कामों के लिए था। परन्तु यह कंप्यूटर किसी क्रिटिकल नेटवर्क सिस्टम से जुड़ा नहीं था।"

इस अटैक से किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ है परन्तु यह अटैक गंभीर भी हो सकता है। इस साइबर अटैक को नार्थ कोरिया के साथ जोड़ा जा रहा है। जानकारों की माने तो यह अटैक पहला स्टेप अटैक माना जा रहा है। हैकर्स सबसे पहले ज़रुरी जानकारी इकट्ठा करने के लिए ऐसे कंप्यूटर या डिवाइस को टार्गेट करते हैं।

ग़ौरतलब है कि सुरक्षा के लिहाज से न्यूक्लियर फैसिलिटी में उपयोग किये जाने वाले कम्प्यूटर्स क्रिटिकल नेटवर्क का हिस्सा होते हैं इसलिए इन्हे किसी भी बाहरी नेटवर्क या इंटरनेट से कनेक्ट नहीं करते है।

पुखराज सिंह ने ट्वीट द्वारा कुडनकुलम न्यूक्लियर प्लांट में साइबर अटैक की जानकारी दी थी। वे साइबर सिक्योरिटी एक्स्पर्ट हैं जिन्होंने भारत की टेक्निलक इंटेलिजेंस एजेंसी NTRO (National Technical Research Organization) के लिए भी काम किया है। इनके अनुसार "एक मैलवेयर अटैक न्यूक्लियर पावर प्लांट में किया गया है जो न्यूक्लियर फैसिलिटी की डोमेन लेवल कंट्रोलर का ऐक्सेस कर सकता है।"

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