हरियाणा विधानसभा चुनाव के तहत मतों की गिनती अब लगभग खत्म हो चुकी है, ज्यादातर सीटों पर नतीजे आ गए हैं। एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है, वही आम आदमी पार्टी को चुनाव में ज़ोरदार झटका लगा है। आम आदमी पार्टी को नोटा से भी कम वोट मिलते हुए दिख रहे हैं।
यानि दिल्ली के मुख्यमंत्री के ‘घर’ में ही उनकी पार्टी की पूछ नोटा से भी कम हो गई है। चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक, दोपहर सवा 12 बजे तक उपरोक्त में से कोई नहीं (नोटा) के तहत हरियाणा में 31,072 वोट दर्ज किए गए हैं जबकि इस समय तक आम आदमी पार्टी के खाते में सिर्फ 25,681 वोट दर्ज किए गए हैं।
केजरीवाल की अध्यक्षता वाली आम आदमी पार्टी ने 90 सदस्यों वाली विधानसभा के लिए 46 उम्मीदवार चुनाव में उतारे थे। इतना ही सबसे बड़ा झटका तो आम आदमी पार्टी के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष नवीन जयहिन्द को लगा है, क्योंकि उन पर AAP मुखिया अरविंद केजरीवाल ने बड़ा दांव लगाया था।
ऐसा पहली बार भी नहीं है कि NOTA आम आदमी पार्टी से आगे है। साल 2018 में भी जिन-जिन विधान सभाओं के चुनावों में आम आदमी पार्टी ने अपने प्रत्याशी उतारे, उसे करारी हार का स्वाद चखना पड़ा। करीब एक साल पहले हुए राजस्थान के विधानसभा चुनावों में भी NOTA ने जहाँ 1.1% वोट बटोरे, वहीं आम आदमी पार्टी केवल 0.4% तक ही जा पाई।