पुलवामा में हुए आतंकी हमले से पूरे देश में आक्रोश है। इस मुद्दे पर पूरा देश भारतीय सेना और केंद्र सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। वही दूसरी तरफ हमारे देश के कुछ नेता एवं कुछ विशेष संप्रदाय के लोग पाकिस्तान के समर्थन में खड़े है, जिनको देश की जनता सोशल मीडिया के माध्यम से बहुत ही अच्छे से जवाब दे रही है।

ऐसा ही एक वाक्या गुरुग्राम में स्थित श्री गोविंद सिंह ट्राईसेंटेनरी विश्वविद्यालय (SGTU) में हुआ हैं। यहाँ पर पढ़ने वाली एक कश्मीरी छात्रा ने सोशल मीडिया के माध्यम से पुलवामा में शहीद हुए हमारे सैनिकों का अपमान करते हुए व्हाट्सप्प पर एक स्टेटस लगाया था। उसने पुलवामा में हुई घटना को सही बताते हुए कहा कि “हमने विरोध किया और जो हुआ वो सही हुआ”।

छात्रा की इस देशद्रोही पोस्ट के बाद यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले सैंकड़ों छात्र छात्राओं ने 19 फ़रवरी मंगलवार को यूनिवर्सिटी परिसर में ‘भारत माता की जय’ ‘वन्दे मातरम’ और ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारों के साथ यूनिवर्सिटी प्रबंधकों पर दबाव बनाना शुरू किया जिसके कारण यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए छात्रा को निष्कासित करने का निर्णय लिया गया।

यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार द्वारा जारी किये गए हस्ताक्षरित आदेश में लिखा:

“विश्वविद्यालय कैंपस में इस तरह की अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसलिए, यह निर्णय लिया गया है कि छात्रा को तत्काल प्रभाव से रस्टीकेट किया जाए। इस मामले की जाँच के लिए एक चार सदस्यीय पैनल गठित किया गया है।”

यूनिवर्सिटी के अधिकारी द्वारा बताया गया कि अनुशासनिक समिति ने इस मामले में जाँच की और जाँच में छात्रा को दोषी पाया । इस विषय में छात्रा के माता पिता और अभिभावक को जानकारी दे दी गई है। आपको बता दे कि इस विश्वविद्यालय में लगभग 30 से अधिक कश्मीरी छात्र-छात्राएं अध्ययन करते है।

देश में पुलवामा आतंकी हमले के बाद से एक ट्रेंड चल निकला है कि जो भी हमारे देश के विरोध में बात करेगा उसका बहिष्कार किया जायेगा इसके लिए कई बड़ी कंपनी ने अपने कर्मचारियों को निष्कासित किया है। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के बसीम हिलाल को भी यूनिवर्सिटी से निष्कासित किया है।