मंगलवार को केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाली पी वी सिंधु को 10 लाख रुपये का चेक दिया साथ ही ब्रोन्ज मेडल जीतने वाले बी साई प्रणीत को भी उन्होंने चार लाख रुपये का चेक सौंपा। इतना ही नहीं खेल मंत्री ने विश्व पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में 12 पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को कुल 1.82 करोड़ रुपये के चेक भी प्रदान किये।
अपने आधिकारिक आवास पर खेल मंत्री ने सिंधु से ब्रेकफास्ट पर मुलाकात की और भारतीय खेल प्राधिकरण के केंद्र में उन्होंने पैरा बैडमिंटन खिलाड़ियों से लंच पर मुलाकात की। पैरा विश्व बैडमिंटन के पदक विजेताओं को खेल मंत्री ने भारी भरकम पुरस्कार राशि देते हुए सामान्य और पैरा खिलाड़ियों के मध्य के भेदभाव को एक ही झटके में ख़त्म कर दिया।
यह रिजिजू द्वारा की गई शानदार पहल है साथ ही दिशा निर्देशों में भी उन्होंने संशोधन किया है। इस संशोधन के मुताबिक इंटरनेशनल पैरालंपिक समिति द्वारा आयोजित विश्व टूर्नामेंट और विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को नगद पुरस्कार प्रदान किये जाएंगे। बता दें कि बासेल में पैरा विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप भी आयोजित हुई थी। यहाँ भारतीय खिलाड़ियों ने 12 पदक जीते थे। खेल मंत्री से इन पदक विजेताओं ने मुलाकात भी की। इन विजेताओं को रिजिजू ने 1.82 करोड़ रुपये के चेक दिए।
My happiness knows no bounds and it's beyond words as I felicitated our Para-Badminton player on winning 12 Medals at World Championship. A major decision is taken by Sports Ministry today. We will award handsome cash money to the players at the time of arrival itself. pic.twitter.com/P18LawSiRf
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) August 27, 2019
Honoured @Pvsindhu1 who created history and made India proud by winning the World Badminton Championship for the first time! My best wishes to her in her pursuit to bring more glory to India🇮🇳 pic.twitter.com/2iwtfmlVIb
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) August 27, 2019
उन्होंने पैरा विश्व चैंपियनशिप के गोल्ड मेडलिस्ट को 20 लाख, सिल्वर मेडलिस्ट को 14 लाख और ब्रोन्ज मेडलिस्ट को 8 लाख रुपये दिए। डबल्स में गोल्ड मेडलिस्ट में 15 लाख, सिल्वर मेडलिस्ट को 10.5 लाख और ब्रोन्ज मेडलिस्ट को 6 लाख रुपये दिए। खेल मंत्री ने कहा, 'हम ये सुनिश्चित करना चाहते हैं कि सभी खिलाड़ियों के साथ समान व्यवहार हो। पैरा बैडमिंटन टीम ने शानदार प्रदर्शन किया और उन्हें उनकी मेहनत का पुरस्कार मिलना चाहिए।'