केंद्र सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है जिसके अंतर्गत कई बैंकों के आपस में विलय की घोषणा की गई है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, यूनाइटेड बैंक, और पंजाब नेशनल बैंक का विलय होगा। साथ ही केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक का भी आपस में विलय होगा। यूनियन बैंक, आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का भी विलय हो जायेगा। इसके अलावा इंडिय़न बैंक और इलाहाबाद बैंक का भी आपस में विलय होगा। इस तरह सरकारी बैंकों की संख्या कम होकर 12 रह जाएगी। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार ने जो फ़ैसले लिए थे, उन पर अमल होना शुरू हो गया है। बैंक और NBFC के 4 टाइअप भी हो गए है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि एनबीएफसी कंपनियों के लिए आंशिक ऋण गारंटी योजना लागू कर 3,300 करोड़ रुपये का पूंजी में समर्थन दिया गया है। साथ ही 30,000 करोड़ रुपये देने की तैयारी भी है। सरकार का बैंकों के वाणिज्यिक फ़ैसलों में कोई दखल नहीं है। नीरव मोदी जैसी धोखाधड़ी को रोकने के लिये स्विफ्ट संदेशों को कोर बैंकिंग प्रणाली द्वारा जोड़ा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कुल फंसा कर्ज (एनपीए) दिसंबर 2018 के अंत में 8.65 लाख करोड़ रुपये से घटकर 7.9 लाख करोड़ रुपये तक रह गया है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में हुए सुधार से लाभ दिखाई दे रहा है क्योंकि उनमें 2019-20 की पहली तिमाही में 14 बैंकों ने लाभ दर्ज किया है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों में नये विलय की बात करते हुए कहा कि बड़े बैंकों से कर्ज देने की क्षमता बढ़ जाती है। पंजाब नेशनल बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक के विलय से ये देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक बन जायेगा।