भारतीय शटलर पीवी सिंधु (PV Sindhu) ने आखिरकार वह कर दिखाया है जो कई लोगो का सपना था। PV Sindhu ने जापान की नोजोमी ओकुहारा को हराकर वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप 2019 में गोल्ड मैडल जीत लिया है। गोल्ड मैडल जितने वाली पीवी सिंधु पहली ऐसी भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी है। पीवी सिंधु की जीत पर पूरे देशभर में ख़ुशियाँ मनाई जा रही है और हर कोई सिंधु को बधाई दे रहा है।
सिंधु की सफलता की ख़ुशी के पीछे एक शख्स है को चर्चा में बने हुए है, जिनकी जिंदगी का सफर किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं रहा है। ये शख्स हैं- सिंधु के कोच पुलेला गोपीचंद। कहते है की एक सफल आदमी के पीछे औरत का हाथ है लेकिन पुलेला गोपीचंद ने इस बात को गलत साबित कर दिया है।
पीवी सिंधु को उनके माता पिता पहले क्रिकेट कोचिंग कैंप ले गए थे लेकिन उसमे एडमिशन पूरे हो चुके थे इसलिए उन्होंने बैडमिंटन की कोचिंग ली। गोपीचंद के पहले उनके कोच हामिद हुसैन थे। इसके बाद उनके जीवन का टर्निंग पॉइंट तब आया जब प्रकाश पादुकोण (दीपिका के पिता) ने उन्हें ट्रेनिंग दी थी। गोपीचंद ने साल 1996 में पहला नेशनल चैंपियनशिप टाइटल जीता था। उन्होंने साल 2000 तक लगातार 5 बार इस खिताब को जीता।
2000 में सिडनी ओलंपिक में हारने के बाद उन्होंने फैसला लिया था की वो खुद न कर पाए वो अगली पीढ़ी से करवा के रहेंगे। साल 2001 में गोपीचंद ने ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन खिताब जीता। प्रकाश पादुकोण के बाद इस खिताब को अपने नाम करने वाले वह दूसरे भारतीय बने। जिसके बाद गोपीचंद ने कोचिंग सेंटर खोला लिया।
इस कोचिंग में गोपीचंद ने सायना नेहवाल, श्रीकांत किदांबी, पारुपल्ली कश्यप, पीवी सिंधु जैसे खिलाड़ियों को कोचिंग दी। लेकिन गोपीचंद का सपना पीवी सिंधु ने आज पूरा कर दिया है। यह जीत जितनी सिंधु की है उतनी ही कोच गोपीचंद की भी है।