अपने कर्मचारियों पर कोई कलेक्टर जुर्माना लगाए तो वह लाजमी समझा जाता है मगर कलेक्टर स्वयं कर्मचारियों के साथ साथ स्वयं पर भी जुर्माना लगाए तो ये बात किसी अचरज से कम नही है। ऐसा हुआ है उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद के कलेक्टर अजय शंकर पाण्डेय के द्वारा उन्होने पानी की बर्बादी के लिए सामूहिक रूप से अपने कर्मचारियों और खुद पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगा दिया है।
हुआ यु कि ऑफिस में पानी की टंकी पूरी भर गयी थी फिर कलेक्टर को पानी गिरने की आवाज आयी। कलेक्टर ने जब पूछा कि कब से टंकी का पानी ओवरफ्लो हो रहा है। इस पर कर्मचारियों ने जवाब दिया कि पिछले 10 मिनट से। उन्होंने इस पर कार्रवाई की और पानी की बर्बादी के लिए कर्मचारियों और खुद पर जुर्माना लगा दिया।
बता दें कि, अजय शंकर पाण्डेय एक पाबंद अधिकारी है। वह अपने कमरे की सफाई खुद ही करते है। साथ ही वह ऑफिस भी निर्धारित समय सुबह 9:30 बजे पहुंच जाते है।
रोजाना की तरह अजय शंकर पाण्डेय अपने ऑफिस निर्धारित समय पर पहुंचे। फिर उन्होंने कमरे की सफाई की। उसके बाद वह रेस्ट रूम में पहुंचे। वहां उन्हें पानी गिरने की आवाज सुनाई दी। अधिनस्थ कार्यालय स्टाफ को बुलाकर उन्होंने पूछा की आवाज कहां से आ रही है?
कार्यालय स्टाफ ने इस पर बताया कि पानी की टंकी रेस्ट रूप के पीछे भर चुकी है और ओवरफ्लो हो रही है। कलेक्टर अजय ने पूछा कि ये कब से ओवरफ्लो हो रही है. तो बताया गया कि ये करीब 10 मिनट से हो रही है। इस पानी की बर्बादी की देखते हुए कलेक्टर ने कैलकुलेट करके कलेक्ट्रेट के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों पर सामुहिक रूप से 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया और कहा कि पानी का ओवरफ्लो चाहे 1 मिनट हो या 1 घंटा. यहां सब बराबर है।