पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ़्ती ने भाजपा के घोषणा पत्र में आर्टिकल 370 को समाप्त करने के वादे को लेकर कड़ा रुख इख्तियार किया हुआ है। इसी विषय पर महबूबा ने ट्विटर पर भाजपा के लिए यह लिखा कि “ना समझोगे तू मिट जाओगे हिंदुस्तान वालो, तुम्हारी दास्तान तक भी ना होगी दास्तानों में।”

इस ट्वीट में महबूबा ने भाजपा के बजाय हिन्दुस्तान के मिट जाने की बात की जो बहुत लोगों को बुरी लगी। भाजपा के नेता और पूर्व क्रिकटर गौतम गंभीर को भी महबूबा की यह टिप्पणी सही नहीं लगी और उन्होंने महबूबा को ख़ूब खरी खोटी सुनाई। गंभीर ने इस बाबत किये अपने ट्वीट में कहा कि भारत एक देश है उनकी तरह धब्बा नही है जो मिट जाएगा।

गंभीर के इस रिप्लाय को देख महबूबा मुफ़्ती ने इसका जवाब देते हुए लिखा “उम्मीद करती हूँ कि आपकी पारी भाजपा में आपके क्रिकेट करियर की तरह निराशाजनक नही होगी।”

महबूबा मुफ़्ती के इस ट्वीट का जवाब गंभीर ने कुछ इस तरह दिया “ओह! तो आपने मेरा ट्विटर हैंडल अनब्लॉक कर दिया! आपको जवाब देने और इस पका देने वाली समानता करने के लिए 10 घंटे लगे। बहुत धीमा!!! ये दिखाता है कि आपके व्यक्तित्व में गहराई का अभाव है। आश्चर्य नही है तुम लोग हाथ के मुद्दों को हल करने में संघर्ष करते रहे।”

महबूबा गंभीर के इस तरह के जवाब से तिलमिला गयीं और उन्होंने गंभीर की मानसिक स्थिति पर ही सवाल खड़ा कर दिया। उन्होंने ट्विटर पर ही लिखा “मैं आपकी मानसिक स्थिति के कारण चिंतित हूँ। मैं इस तरह की ट्रोलिंग की आदि हूँ, लेकिन ये तरीका बहुत बेकार है। बेहतर होगा कि आप चुप रहें क्योंकि आप कश्मीर के बारे कुछ नही जानते। मैं अब आपको ब्लॉक कर रही हूँ। अपनी 2 रूपये प्रति ट्वीट वाली ट्रोलिंग कहीं और जाकर करो।”

इस ट्वीट के बाद भी गंभीर ने पलटवार किया उन्होंने कुछ इस तरह से ट्वीट करके महबूबा को जवाब दिया “बहुत धन्यवाद महबूबा मुफ़्ती मैम! एक कठोर इंसान के द्वारा ब्लॉक किये जाने से ख़ुश हूँ। वैसे इस ट्वीट लिखते समय 1,365,386,456  भारतीय हैं। उन्हें आप कैसे ब्लॉक करेंगी।”

गौरतलब है कि 8 अप्रैल को भाजपा के द्वारा अपना चुनावी घोषणा-पत्र जारी करने के बाद से ही कश्मीर के शीर्ष नेता बहुत अजीबो गरीब बयान दे रहे हैं। 370 को हटाने के मुद्दे पर जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला भी अपना आपा खो बैठे थे।