कैफे कॉफी डे के फाउंडर और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा के दामाद वीजी सिद्धार्थ सोमवार रात से लापता थे। बुधवार सुबह मेंगलुरु की नेत्रावती नदी से उनका शव मिला। उनके लापता होने के बाद 25 तैराकों सहित 200 लोग सर्च ऑपरेशन में जुटे थे। इसके अलावा कोस्ट गार्ड के जहाज आईसीजीएस राजदूत और एसीवी (एच-198) की भी सहायता ली गई।

27 जुलाई को सिद्धार्थ द्वारा लिखा एक पत्र भी सामने आया। इस पत्र में सिद्धार्थ ने इक्विटी पार्टनर और कर्जदाताओं के दबाव का जिक्र किया। उन्होंने लिखा था कि बतौर व्यवसायी मैं नाकाम रहा।

पुलिस की पूछताछ में सिद्धार्थ के ड्राइवर ने बताया कि उलाल शहर में स्थित पुल तक सिद्धार्थ घूमने के लिए आए थे। उन्होंने वहां पर कार रुकवाई और पैदल निकल गए। मैंने बहुत देर तक उनका इंतजार किया। जब वह 90 मिनट तक वापस नहीं आए तब पुलिस को इसकी सूचना दी।

सिद्धार्थ ने पत्र में लिखा था, ‘‘बेहतर प्रयासों के बाद भी मैं मुनाफे वाला बिजनेस मॉडल तैयार करने में नाकाम रहा। लंबे समय तक मैंने  संघर्ष किया परन्तु और दबाव नहीं झेल सकता। 6 महीने पुराने ट्रांजेक्शन से जुड़े मामले में एक प्राइवेट इक्विटी पार्टनर शेयर बायबैक करने का दबाव बना रहा है। मैंने दोस्त से बड़ी रकम उधार लेकर ट्रांजेक्शन का एक हिस्सा पूरा किया था।’’