भारतीय क्रिकेट के 'फाइटर' कहे जाने वाले युवराज सिंह ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को आज   अलविदा कह दिया। युवराज सिंह ने चाहे वह क्रिकेट हो या फिर निजी जिंदगी जमकर खेला और जीता है। युवराज सिंह की भारतीय टीम को दो विश्व कप जिताने में अहम भूमिका भी रही है। इतना ही नहीं वह कैंसर जैसी बीमारी से भी लड़कर उस पर जीत हासिल की है।

युवराज सिंह ने आज मीडिया के सामने कहा कि सालों के प्यार के लिए बहुत शुक्रिया और देश की जर्सी में जो कुछ किया है उसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकेगा।

बता दे कि विराट सेना ने रविवार रात को विश्व कप 2019 में ऑस्ट्रेलिया को हरा दिया और उसके एक दिन बाद ही युवराज सिंह ने सन्यास भी ले लिया। बता दे कि 2011 के क्वार्टर फाइनल में युवराज के बल्ले ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत दिलाई थी।

रविवार को ही युवराज सिंह ने मीडिया से कहा कि वह सोमवार को सबके सामने मुखातिब होना चाहते हैं। जिसके लिए माना जा रहा था कि वह कुछ बड़ा ऐलान करने वाले है। युवी के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने पर अब एक युग का अंत हो गया है।

बता दे कि  युवराज सिंह की पहली झलक तब दिखाई दी जब साल 2000 में भारत ने श्रीलंका में आयोजित अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप में जीत हासिल की। मोहम्मद कैफ की अगुवाई वाली टीम में युवी युवाओं में शामिल थे। इस टूर्नामेंट में युवराज मैन ऑफ द सीरीज बने। उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और वह सभी चयनकर्ताओं की नजरों में आने लगे।

हालाँकि युवराज सिंह की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एंट्री साल 2003 में हुई। द्रविड़, गांगुली, सचिन और कांबली जैसे खिलाड़ियों के साथ इस टीम में युवराज भी थे। इसमें इस मैच में भारत 8 विकेट से जीत गया था परन्तु इसमें युवराज की बल्लेबाजी का नंबर नहीं आ सका। परन्तु फिर 7 अक्टूबर को उन्हें मौका मिला और वह मैदान में गरज पड़े। उन्होंने अपना पहला अर्धशतक खेला।