यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मास्टर स्ट्रोक खेल खेला है। जिसमे उन्होंने पिछड़े वर्ग (ओबीसी) की 17 जातियों को अनुसूचित जातियों में आरक्षण दे दिया है।

लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक रतन मणि लाल ने बातचीत के दौरान बताया कि जब कभी कोई पार्टी सत्ता में आई है तो उसने जातियों को एक लिस्ट से दूसरे लिस्ट में डालने का प्रयत्न किया है। लाल ने बताया कि जब मायावती और राजनाथ सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने कुछ जातियों को एक लिस्ट में करने का प्रयत्न किया था। परन्तु कुछ वजह से आरक्षण का लाभ ओबीसी जातियों को नहीं मिल सका था। अब योगी सरकार ने अहम फैसला लेकर सपा-बसपा के वोटबैंक को कम कर दिया है।

लाल ने बताया कि इससे बीजेपी को राजनीतिक लाभ मिलेगा क्योंकि इस समय जनता के मन में सपा-बसपा के विरुद्ध अविश्वास है। योगी सरकार के इस फैसले के बाद से जनता के मन में बीजेपी के लिए विश्वास बढ़ेगा । उन्होंने कहा की 17 OBC जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने से सीधा लाभ बीजेपी को मिलेगा वहीं इससे सपा-बसपा को हानि हो सकती है।  

बता दें कि राजनीति में इन जातियों की भागीदारी कम है, परन्तु ऐसा होने से इन्हे चुनाव में आरक्षण मिल सकेगा ।  उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जातियों हेतु 17 लोकसभा और 403 विधानसभा सीटों में से 86 सीट रिजर्व हैं।  इन जातियों को अब चुनाव लड़ने का मौका मिल सकेगा । परन्तु ओबीसी के लिए रिजर्व सीटें नहीं हैं।  

इस फैसले के बाद से ही योगी सरकार ने अपने सभी जिलाधिकारियों को इन जातियों के परिवारों को प्रमाण दिए जाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही इसमें राज्यपाल राम नाइक ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा अधिनियम 1994 की धारा 13 के अधीन शक्ति का प्रयोग कर के संशोधन किया है।