मौसम विभाग का कहना है कि भीषण चक्रवाती तूफान फानी ओडिशा की ओर तेजी से बढ़ रहा है और यह ओडिशा में तबाही ला सकता है। यह तूफान ओडिशा के तट से शुक्रवार दोपहर तक टकरा सकता है। इस तूफान के चलते ओडिशा के साथ साथ केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश में भी एडवाइजरी जारी कर दी गयी है।

इस तूफान के आने से समुद्र में डेढ़ मीटर से अधिक ऊंची लहरें उठने की संभावना हैं। इसके साथ ही खोरधा, पुरी, कटक, जगतसिंहपुर जिलों में मूसलाधार बारिश होने की भी आशंका है और यह भी पूर्वानुमान है कि 175 से 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी चलेगी। इस तूफान का असर ओडिशा के अतिरिक्त तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल में भी पड़ सकता है।

फानी तूफान के लिए भारतीय मौसम विभाग ने कहा है कि यह भारतीय समुद्री क्षेत्र में ऐसा भीषण चक्रवाती तूफ़ान करीब 43 सालों बाद आने वाला है । ऐसे तूफान गर्मियों में बहुत कम ही आते है।

संयुक्त तूफान चेतावनी केंद्र के पूर्वानुमान के अनुसार फानी, 1999 के सुपर साइक्लोन के उपरांत सबसे खतरनाक चक्रवात माना जा रहा है। 3 मई को दोपहर के बाद इसके जगन्नाथ पुरी से गुजरने की संभावनाएं है।

फानी तूफान के आने की आशंका के चलते सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा है। एनडीआरएफ, ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल (ODRAF) की टीम को भी संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात कर दिया गया है। साथ ही ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में रहने वालों लोगो को भी सुरक्षित जगहों पर भेजा जा रहा है। उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में रेड अलर्ट जारी कर दिया है।

मौसम विभाग ने चेतावनी दी है की मछुआरों को बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर के गहरे समुद्री क्षेत्रों में नहीं जाना चाहिए। नौसेना, भारतीय वायुसेना और तटरक्षक बल को भी आने वाली चुनौती से निपटने के लिए हाईअलर्ट पर रखा गया है।