विघटनकारी राजनीतिक नेता हार्दिक पटेल और उनके संरक्षक कांग्रेस पार्टी, दोनों की चुनावी आकांक्षाओं को एक बड़ा झटका लगा है। गुजरात उच्च न्यायालय ने हार्दिक की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। अदालत ने वर्तमान में उसकी दोषसिद्धि पर अनिश्चितकाल के लिए सुनवाई टाल दी है और इसका परिणाम ये होगा की व्यावहारिक रूप से वर्तमान लोकसभा चुनाव में हार्दिक के लड़ने की संभावना कम हो गई है।

माननीय गुजरात उच्च न्यायालय की पीठ द्वारा लिए गए एक बड़े फैसले में, पाटीदार समुदाय के प्रभावशाली नेता हार्दिक पटेल को उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया गया है। अनजान लोगों के लिए, विसनगर की स्थानीय अदालत ने हार्दिक को पाटीदारों के लिए 2015 में आरक्षण पाने के पक्ष में किये विरोध प्रदर्शन के नाम पर मेहसाणा जिले में दंगे भड़काने का दोषी पाया था। उन्हें 2017 में 2 साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी, जिसके खिलाफ हार्दिक ने न्यायालय में अपील भी की थी । हालांकि उन्होंने व्यर्थ में अपील दायर की।

हार्दिक पटेल अधिकारियों के खिलाफ अपने पक्षपाती रवैये पर विलाप करते हुए बाहर निकल गए। उन्होंने कहा, “25 वर्षीय कांग्रेस कार्यकर्ता को चुनाव लड़ने से क्यों रोका जा रहा है? कई बीजेपी नेता भी हैं, जिनके खिलाफ मामलों के साथ-साथ उनके खिलाफ सजा भी है, लेकिन कानून मेरे लिए ही मौजूद है।

मेरा कसूर सिर्फ इतना है कि मैं भाजपा के सामने नहीं झुका। यह सत्ता से लड़ने का परिणाम है। मैं सत्तारूढ़ नहीं होऊंगा और न केवल गुजरात, बल्कि पूरे देश में कांग्रेस के लिए प्रचार करूंगा।”

हाईकोर्ट द्वारा सुनाए गए बाद के फैसले के बाद हार्दिक पटेल ने कुछ ट्वीट्स भी किये हैं। अपने ट्वीट में उन्होंने कहा “गुजरात हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं।चुनाव तो आते है जाते हैं लेकिन संविधान के खिलाफ़ भाजपा काम करी हैं। कोंग्रेस पार्टी के पच्चीस साल के कार्यकर्ता को चुनाव लडने से क्यों रोका जा रहा है।भाजपा के बहुत सारे नेताओं पर मुकदमें है, सजा भी हैं। लेकिन कानून सिर्फ हमारे लिए है।”

अपने एक और ट्वीट में हार्दिक ने लिखा “हम डरने वाले नहीं हैं। सत्य, अहिंसा और ईमानदारी से आम जनता की आवाज उठाते रहेंगे। जनता की सेवक कोंग्रेस पार्टी की सरकार बनाएंगे। पार्टी के लिए गुजरात समेत पूरे देश में प्रचार करूंगा। मेरा कसूर सिर्फ इतना है कि मैं भाजपा के सामने झुका नहीं। सत्ता के सामने लडने का यह परिणाम हैं।”