ऐसा लगता है जैसे महात्मा गांधी और नाथूराम गोडसे को लेकर विवादित बयान देने का सिलसिला ही चल पड़ा है। कमल हसन, साध्वी प्रज्ञा ठाकुर आदि द्वारा दिए गये बयानों के बाद अब इस सूची में नया नाम जुड़ गया है। इस बार एक महिला आईएस अफसर द्वारा महात्मा गांधी को लेकर दिए गये विवादित बयान ने तूल पकड़ लिया है। महिला अधिकारी ने ट्वीट में महात्मा गांधी की प्रतिमा हटाने का अनुरोध करते हुए उनके हत्यारे नाथुराम गोडसे को "धन्यवाद" दिया था। अधिकारी के “थैंक्यू गोडसे” वाले ट्विट के बाद से ही लोगो का गुस्सा भडक उठा है।

एनसीपी ने इसे महात्मा गांधी का अपमान मानते हुए महिला अधिकारी को तुरंत सस्पेंड करने की मांग की है। निधि चौधरी ने 17 मई को अपने ट्विटर हेंडल से एक ट्विट किया था जिसमे उन्होंने महात्मा गांधी की मूर्तियों को दुनिया भर से हटाने और उनकी तस्वीरों को भारतीय मुद्रा नोटों से हटाने का आह्वान किया था। निधि ने महात्मा गांधी को मारने वाले गोडसे को "धन्यवाद" भी दिया। अधिकारी ने चौतरफा विवाद में घिरने के बाद शनिवार को सफाई देते हुए कहा कि उनका ट्वीट व्यंग्यात्मक था और उसकी गलत व्याख्या की गई है। विवादित ट्वीट को डिलीट कर दिया गया है।

एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने रविवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को संबोधित एक पत्र में, कहा "अगर सरकार कार्रवाई नहीं करती है तो यह माना जाएगा कि इसकी नीति और मंशा सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है"। पवार ने कहा, "महाराष्ट्र जैसे प्रगतिशील राज्य में एक सरकारी अधिकारी महात्मा गांधी के खिलाफ ऐसी अपमानजनक टिप्पणी करता है, और राज्य सरकार इस पर आंखें मूंद लेती है, यह एक गंभीर मामला है।" वंही महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता जितेंद्र अवध ने भी IAS अधिकारी को निलंबित करने की मांग की है।