चीन में मानवाधिकारों का हनन एक बेहद आम बात है। इस्लामिक कट्टरपंथ का सामना करने के लिए चीन के कुछ इलाकों में पूरी इस्लामिक आबादी का दमन होता रहता है। खबरों के अनुसार रमज़ान के शुरू होते ही चीन के पश्चिमी शिनजियांग प्रांत में कई इस्लामिक मस्जिदों और अन्य धार्मिक स्थलों की तबाह किया गया है। बता दें की चीन के शिनजियांग प्रांत में यहाँ के अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय उइगर से सम्बन्धित लोग रहते हैं जिन पर चीनी प्रशासन द्वारा कड़ी निगरानी रखी जाती है और साथ ही साथ इन्हें कई प्रकार के प्रतिबंधों के साये में भी रहना पड़ता है।

बेलिंगकैट नामक न्यूज़ वेबसाइट ने उपग्रह से प्राप्त कुछ तस्वीरों का अध्ययन किया। इस अध्ययन के दौरान उन्होंने 91 इस्लामिक महत्व की इमारतों की निगरानी की और पाया कि इनमें से लगभग 31 मस्जिदें और दो मुख्य इस्लामिक स्थलों को वर्ष 2016 से लेकर वर्ष 2018 के दौरान तोड़ दिया गया या फिर बहुत नुकसान पहुंचाया गया।

मीडिया एजेंसी गार्जियन की के खबर के अनुसार, इन इस्लामिक स्थलों में से 15 इमारतों को पूरी तरह नेस्तनाबूद कर दिया गया वहीं कई अन्य मस्जिदों के ऊपरी गुम्बद हटाए गए। इस क्षेत्र की सबसे बड़ी मस्जिद कारगिलिक मस्जिद को भी चीनी सरकार ने नष्ट कर दिया।

आज चीन में इस्लामिक आबादी के साथ हो रहे उत्पीड़न और दमन के लिए पूरी दुनिया में आलोचना झेल रहा है। एक अनुमान के अनुसार 800,000 से 20 लाख उइगर, काजाकास, किर्गिज समेत तुर्की मुस्लिमों को चीन की राजधानी बीजिंग में बने प्रशिक्षण कैंप के नाम पर कैद में रखा जा रहा है। लोग इन प्रशिक्षण कैंपों को डिटेंशन कैंप भी कहते हैं।