कर्जमाफी के शिगूफे पर रिपब्लिक भारत नामक चैनल ने ऑपरेशन कर्जमाफी नमक स्टिंग किया है जिमे कई खुलासे हुए है।कर्जमाफी के नाम पर मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार.. किसानों का कर्ज माफी नहीं.. उन पर कर्ज का बोझ बढ़ाने जा रही है। ये साबित करने के लिए रिपब्लिक भारत के रिपोर्टर कई राष्ट्रीय बैंक के मैनेजर से मिले।  इससे पता चला सरकार कर्ज माफी पर झूठ बोल रही है क्योंकि सिर्फ 50 हजार रुपए तक कर्ज लेने वाले किसानों को ही फिलहाल कर्जमाफी का फायदा मिलेगा। आप पूरा स्टिंग ऑपरेशन यहाँ पढ़ सकते हैं।

राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है और कांग्रेस राजस्थान में कर्जमाफी का प्रचार करके ही सत्ता में आयी है। राजस्थान में अब किसानों के आँखों से पर्दा उठ गया है और उन्होंने अशोक गहलोत की इस सरकार के विरोध में हल्ला बोल दिया है।

दरअसल बात यह है कि सहकारी बैंक ने नए फसली कर्ज देने का फैसला रद्द कर दिया है। इसका मतलब है की अभी ही पुराना कर्ज माफ नहीं हुआ है। इतना ही नहीं बैंक द्वारा खेती के लिए आवश्यक कर्ज पर भी रोक लगायी गयी है।

बता दें कि जयपुर सैन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक ने चिट्ठी द्वारा अपनी समस्त शाखाओं को यह निर्देश जारी किया है कि किसी भी किसान को अगले निर्देश तक कोई अल्पकालीन फसली लोन नहीं दिया जा सकेगा।

जानकारी दे दें की राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक चिट्ठी 17 दिसंबर को शपथ के कुछ दिन बाद  2 जनवरी 2019 को पीएम मोदी को लिखी थी और उन्होने किसानों के कर्जमाफी व उनकी हालत में सुधार करने हेतु केन्द्र से सहायता मांगी।

अशोक गहलोत सत्ता में आने के बाद अपने किये गए कर्ज माफ़ी के वादे से मुकर गए। अब इनका कहना है कि केंद्र को किसानों का लोन माफ करने हेतु राष्ट्रव्यापी स्तर पर योजना लाना चाहिए।

किसान के हित को मुद्दा बनाकर कांग्रेस सत्ता में आई और अब उसी ने किसान की परेशानियों को बढ़ा दिया है। जानकारी  दे दें की किसानों पर राजस्थान में लगभग 99 हजार करोड़ का कर्ज है।  परन्तु सरकार कह रही है की 18 हजार करोड़ रुपए का कर्ज तो है लेकिन इस कर्ज को माफ करने के लिए सरकार के पास पैसा नहीं है। हालाँकि चुनावी रैलियों में राहुल गांधी यह बात बड़े ही दावे से कह रहे हैं कि कांग्रेस सरकार ने कर्जमाफ किया है।

किसानों के लिए मुश्किलें बढ़ गयी है अब उनका पुराना कर्ज तो माफ़ नहीं हुआ है लेकिंन उन्हें अब नया कर्ज भी नहीं मिल सकता है।