इंदौर: स्वास्थ्य मंत्री के बधाई पोस्टर को हटाने गए निगम कर्मचारी को कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने पीटा, महापौर ने दिया ये बड़ा बयान

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Rishabh Verma
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इंदौर: स्वास्थ्य मंत्री के बधाई पोस्टर को हटाने गए निगम कर्मचारी को कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने पीटा, महापौर ने दिया ये बड़ा बयान

मध्यप्रदेश में जब से कमलनाथ सरकार आई है तब से प्रदेश के कांग्रेसी नेता अपनी दादागिरी निगम अधिकारी और निगम कर्मचारियों को दिखाने लग गए है। अभी हाल ही मध्यप्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट का जन्मदिन था जिसके लिए उनके समर्थकों ने शहर में बेनर पोस्टर लगाए थे। जिसे हटाने गई टीम को मंत्री समर्थकों ने लठ से पीटा।

निगम के आला अधिकारियों के आदेश पर निगम कर्मचारी शहर में लगे हुए सभी बेनर पोस्टर को हटाते है। ये निगम अधिकारी महेंद्र सिंह चौहान और उनकी टीम कल छावनी इलाके में लगे हुए बेनर पोस्टर हटा रहे थे तभी स्वास्थ्य मंत्री के समर्थक, कांग्रेसी नेता वहा पहुंचे और निगम अधिकारी से बहस करने लगे। चौहान ने इन नेताओं को बताया कि वे कमिनश्नर साहब से आदेश पर ही इन होर्डिंग्स को हटा रहे है। बहस इतनी बढ़ गयी की मंत्री समर्थकों ने निगम कर्मचारियों को लट्ठ से मारा।

बता दे कि कैबिनेट ने आउटडोर विज्ञापन नियम-2017 और संपत्ति विरूपण अधिनियम-1994 के प्रावधानों काे सख्त करते हुए उसके पालन करने की अनुमति दी है। अब शहर में होर्डिंग्स लगाने के लिए कलेक्टर की अनुमति लेनी पड़ेगी। निगम के पास इस पर जुर्माना लगाने का अधिकार भी है।

इस पुरे मामले में इंदौर की महापौर मालिन गौड़ ने भी अपना बयान दिया और कहा "निगम कर्मचारियों से मारपीट करने वाले मंत्री समर्थकों पर कार्यवाही की जायेगी। उन पर एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। मंत्री का भतीजा हो या फिर बेटा कार्यवाही जरूर होगी।"

महापौर ने भाजपा और कांग्रेस के सभी नेताओं से अपील की है कि "मैं भाजपा और कांग्रेस दोनों के लोगों से कहना चाहती हूं कि इस शहर को हमने काफी मेहनत से स्वच्छता में नंबर वन बनाया है। हमारी मेहनत बेकार न करें। शहर को स्वच्छ रखने में सहायता करें।"

गौरतलब है कि अभी तक इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की है। वही दूसरी और जब 26 जून को विधानसभा क्षेत्र क्र. 3 के विधायक और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र आकाश विजयवर्गीय ने निगम के अधिकारियों को बैट से मारा था तब कांग्रेस के नेताओं ने कानून का हवाला देते हुए उन पर जल्द ही एफआईआर दर्ज करवा दी थी और अब इस मामले में सभी चुप है।

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