एक बार फिर से संजय निरुपम ने पार्टी लाइन से हटकर बयान दिया है। यह बयान उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के राजनाथ सिंह द्वारा शस्त्र पूजा को दिखावा कहने के बाद दिया है। संजय निरुपम ने कहा कि शस्त्र पूजन को तमाशा नहीं कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे नास्तिक है परन्तु सभी कांग्रेस नास्तिक नहीं है। शस्त्र पूजन हमारे देश की परंपरा है।
संजय निरुपम इससे पहले भी पार्टी के प्रति नाराज़गी दिखा चुके है। उन्होंने महाराष्ट्र 2019 के चुनाव में प्रचार नहीं करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा था कि अब कांग्रेस में सुझाव को महत्व नहीं दिया जा रहा है। इसलिए वह पार्टी में प्रचार नहीं करने वाले है। इससे पहले भी निरुपम ने खड़गे पर निशाना साधा था। पार्टी की बैठक के लिए कहा कि रविवार को हमारे महान नेता खड़गे ने चुनाव की रणनीति बनाने के लिए बैठक बुलवाई थी जो की 15 मिनट में ख़त्म हो गयी। इस बैठक में किसी को भी बोलने नहीं दिया गया।
इस मीटिंग में वह खुद ही बोले साथ में मेरा मजाक उड़ाकर चले गए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के इस तरह के रणनीति कार पार्टी को जिताएंगे या कि निपटाएंगे।