धार्मिक स्थलों के आस पास मांस और मदिरा की बिक्री को रोकने की कवायतें बहुत समय से चलती आ रही है। इस विषय पर इस बार उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अमल करते हुए अप्रैल में वृंदावन, मथुरा, अयोध्या, चित्रकूट, देवबंद, देवा शरीफ, मिस्रिख -नैमिशारण्य जैसे सभी धार्मिक स्थलों के आसपास मांस और मदिरा बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। धार्मिक स्थलों के पास मांसाहार और मदिरा की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का उद्देश्य सभी धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनाये रखना है।
इस उपरोक्त विषय को पूरे राज्य में लागू करने के लिए स्थानीय नगर निगम में प्रस्ताव पारित करना होता है। प्रस्ताव पारित करने के बाद उस प्रस्ताव को राज्य सरकार के पास भेजना होता है। तब जाकर यह नियम लागू होगा। इस नियम को लागू करने के लिए पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र की नगर निगम ने पहल की और इसे लागू करवाया है।
मोदी जी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में अभी दो दिनों पूर्व वाराणसी नगर निगम ने अपनी कार्यकारी बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया है कि वाराणसी की ऐतिहासिक धरोहर और मंदिरों की 250 मीटर की परिधि तक किसी भी प्रकार के मांसाहार और मदिरा की दुकान पर प्रतिबंध लगा दिया जाये। इस कार्यकारी बैठक की वाराणसी नगर निगम की महापौर मृदुला जायसवाल के साथ अन्य पार्षदगण उपस्थित थे। इस कार्यकारी बैठक में वाराणसी नगर निगम उपाध्यक्ष नरसिंह दास के अनुसार धार्मिक स्थलों के पास मांसाहार और मदिरा की बिक्री पर रोक लगाने का प्रस्ताव पार्षद राजेश यादव ने पेश किया था। उत्तरप्रदेश के एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार धार्मिक स्थलों के आसपास मांसाहार और मदिरा की बिक्री केवल हिन्दू धर्मस्थलों पर नहीं अपितु सभी धर्म स्थल पर लागू होगा।