गौ तस्करी के मामलों में मॉब लिंचिंग की घटनाओं को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बड़ा कदम उठाया है। इस कदम से लिंचिंग के मामलों को कम करने में मदद मिलेगी। किसी भी व्यक्ति पर शक के नाम पर इस तरह की हिंसा एक चिंता का विषय है। अब इसे रोकने के लिए योगी सरकार एक प्रभावी उपाय खोज निकाला है।
गौ तस्करी के शक में भारत के कई स्थानों पर लोगों ने मॉब लिंचिंग की है। पिछले साल राजस्थान के अलवर में लोगों ने गौ तस्करी के संदेह के चलते एक व्यक्ति को इस कदर पीटा की उसकी मौत हो गई। इस घटना में मरने वाले शख्स का नाम अकबर खान था। वह अपने साथ दो गाय लेकर जा रहा था, तभी भीड़ ने उस पर हमला बोल दिया। उसे इस कदर पीटा गया कि उसकी मौत हो गई।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इस घटना कि कड़ी निंदा की थी। उन्होंने कहा था, "भारत में गाय को भी अनुच्छेद 21 के अंतर्गत जीने का हक़ है और एक मुस्लिम को मारा जा रहा है क्योंकि उसके पास जीने का अधिकार नही है।” मॉब लिंचिंग के मामले में सुप्रीम कोर्ट भी अपनी चिंता ज़ाहिर कर चुका है। कोर्ट ने कहा कि संसद में इस मामले को लेकर कानून बनाया जाना चाहिए। उसके अनुसार देश में कानून के स्थान पर भीड़तंत्र को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता।
हाल ही में मध्यप्रदेश के खंडवा जिले से भीड़ की हिंसा की खबर आयी थी। यहाँ लगभग 2 दर्जन लोगों को गौ रक्षा के नाम पर रस्सी के बांधकर पीटा गया। उन पर गायों की तश्करी का शक था। पिछले साल यूपी के बुलंदशहर में भी गौ तस्करी के मामले में भयंकर हिंसा हुई थी।
इन सब घटनाओं के मद्देनज़र उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक स्वागतयोग्य पहल की है। अब गायों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए गौ सेवा आयोग के द्वारा प्रमाण पत्र जारी किया जायेगा।
गाय ले जा रहे लोगों के साथ मारपीट की घटनाएं न हों इसके लिए सुरक्षा के इंतजाम भी किये जा रहे हैं। योगी आदित्यनाथ आवारा और बेसहारा पशुओं को गौ संरक्षण केंद्र में पहुँचाने के निर्देश पहले ही दे चुके हैं।