लोकसभा में आसानी से पास होगा नागरिकता बिल, पर राज्यसभा में भाजपा को जरुरत पड़ेगी इन सहयोगियों की

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Punctured Satire
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लोकसभा में आसानी से पास होगा नागरिकता बिल, पर राज्यसभा में भाजपा को जरुरत पड़ेगी इन सहयोगियों की

आज लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन विधेयक को पेश किया। इस बिल को पेश करते ही लोकसभा में विपक्षी दलों द्वारा हंगामा शुरू हो गया। इस नागरिकता संशोधन विधेयक में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफग़ानिस्तान के हिंदू, जैन, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी समुदाय को भारतीय नागरिकता देने का प्रस्ताव है। साथ ही साथ इस विधेयक से मुस्लिम समुदाय को बाहर रखा गया है। बहरहाल इस बिल के लोकसभा में पास होने में कोई समस्या नहीं होने वाली है पर राज्यसभा में इसके पास किये जाने के लिए भाजपा को सहयोगियों की जरुरत पड़ेगी।

इस बिल को लेकर मोदी सरकार की असल चुनौती राज्यसभा में ही होनी है। इस बिल पर राज्यसभा में जेडीयू, टीआरएस, वाईएसआर कांग्रेस और शिवसेना ऐसे दल हैं, जिनके रुख पर बहुत कुछ निर्भर करेगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि लोकसभा में बीजेपी के पास बहुमत का आंकड़ा है, परन्तु राज्यसभा भाजपा के पास बहुमत नहीं है। ऐसी स्थिति में मोदी सरकार को यह नागरिकता संशोधन विधेयक पास कराने के लिए दूसरे पार्टियों के मदद की जरुरत पड़ेगी।  

वैसे पिछले दो सालों में भाजपा राज्यसभा में भी मजबूत हुई है। बीजेपी और एनडीए के पास बहुमत तो नहीं है पर यह आंकड़ा बहुमत के करीब पहुँच जाता है ऐसे में एक दो पार्टियों के साथ से भाजपा का काम आसान हो जाएगा। अगर इस बिल की बात करें तो विपक्षी दलों की ओर से बीजेडी और एआइएडीएमके जैसे दल नागरिकता संशोधन बिल पर मोदी सरकार को समर्थन कर सकते हैं। इस समर्थन से यह बिल आसानी से राज्यसभा में भी पास हो जाएगा।  

राज्यसभा में वर्तमान में कुल  239 सदस्य हैं।  ऐसे में नागरिकता बिल को पास करने के लिए भाजपा को 120 वोट की आवश्यकता होगी। फिलहाल भाजपा और उनको सहयोग कर सकने वाले लोगों की बात करें तो यह आंकड़ा 114 तक पहुँच पाता है जिनमें बीजेपी के 83, बीजेडी के 7, एआइएडीएमके के 11 और अकाली दल के 3 सदस्य हैं।

ऐसे में बहुमत के आंकड़े को पाने के लिए जिन दलों पर भाजपा की नजर रहेगी उनमें जेडीयू, वाईएसआर कांग्रेस और टीआरएस जैसी दल शामिल हैं। इस बिल का भविष्य पर इन्हीं तीन दलों के रुख पर साफ हो पायेगा। इन तीन दलों के पास राज्यसभा में कुल 13 सांसद हैं जो वर्तमान में भाजपा और सहयोगी दलों के 114 के आंकड़े को बहुमत के आंकड़े 120 तक पहुँचाने के लिए काफी होंगे।

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