एनडीए छोड़ने के अपने फैसले पर तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने सार्वजनिक तौर पर खेद व्यक्त किया है। टीडीपी को एनडीए से अलग होने के पश्चात् आम चुनावों और आंध्र प्रदेश राज्य विधानसभा चुनावों में हार का मुँह देखना पडा था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार विशाखापत्तनम जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए नायडू ने एनडीए सरकार छोड़ने के अपने फैसले पर खेद जताया। नायडू इससे पहले कांग्रेस के साथ गठबंधन के फैसले पर भी खेद व्यक्त कर चुके हैं। इसके लिए उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ हाथ मिलाना बहुत बड़ी गलती थी, लेकिन अब बहुत देर हो चुकी।
शनिवार (अक्टूबर 12, 2019) को टीडीपी पार्टी अध्यक्ष ने यह भी कबूल किया कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार से मई 2018 में बाहर होने के फैसले ने इस साल विधानसभा और लोकसभा चुनावों में उनकी पार्टी को बड़ा झटका दिया है। नायडू ने आगे कहा कि उन्होंने आंध्र के लिए विशेष दर्जे की माँग को बल देने हेतु ही मोदी सरकार से अलग होने का फैसला किया था परंतु यह टीडीपी को भारी पड़ा।
नायडू एनडीए से अलग होने के बाद विपक्षी मोर्चा बनाने के लिए सबसे अधिक सक्रिय नजर आए थे। अपने पूर्व के फैसले पर अफसोस जताए जाने के बाद एनडीए में नायडू की वापसी के आसार दिखाई नहीं दे रहे। इस मसले पर भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “अमित शाह ने उसी वक्त नायडू से कह दिया था कि उनकी पार्टी के लिए राजग के दरवाज़े अब बंद हो चुके हैं।”
टीडीपी 2019 के चुनावी पराजयों के बाद अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है क्योंकि उसके कई बड़े नेता बीजेपी में आ चुके हैं। जून में पार्टी के 6 राज्यसभा सांसदों में से 4 भाजपा में शामिल हो गए थे।