चंदौली जनपद की पुलिस ने एक ऐसा काम किया है, जिसे यदि पहले किया गया होता तो आज 'जय श्री राम' के नाम पर अफ़वाहों का बाजार गर्म नहीं होता। ये पुलिस का साहस और जज़्बा ही है जिसके आगे असामाजिक तत्वों को हार माननी ही पड़ी। बिहार की सीमा के करीब चंदौली जनपद की पुलिस ने ऐसा काम किया है जो पूरे देश की पुलिस के लिए बड़ी प्रेरणा है। पुलिस के इस कदम से आने वाले समय में अब कोई इस तरह की अफवाह फ़ैलाने से पहले हजार बार सोचेगा।
हिंदुओं के आराध्य देव भगवान श्रीराम के नाम को कई असामाजिक तत्वों के द्वारा लगातार गलत चीजों से जोड़ने की कोशिश की जा रही है। चंदौली में पुलिस की कार्यवाही के बाद इस तरह की घटनाओं के नियंत्रण में मदद मिलेगी। मीडिया ने पहले भी ऐसे कई मामले उठाये हैं, जब प्रभु राम के नाम को लेकर हिंसा और अशांति का प्रचार किया गया था। लेकिन अब पुलिस की दृढ़ इच्छाशक्ति से इसे रोकने में काफी हद तक सफलता मिल रही है।
एक मुस्लिम लड़के द्वारा खुद ही अपने को आग लगा लिए जाने के मामले में पुलिस ने अफवाहबाजों को सबक सिखाने का बीड़ा उठाया है। इस सम्बन्ध में 3 प्रमुख साजिशकर्ताओं को पुलिस ने दबोच लिया है। इनको पकड़कर उत्तर प्रदेश पुलिस ने कड़ा संदेश दिया है कि अपराध करने वाले और उसका षड्यंत्र रचने वाले किसी को भी माफ़ नहीं किया जायेगा।
इस काम को अंजाम देने के लिए चंदौली के पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह की जितनी सराहना की जाए उतनी कम है। इसके अलावा DSP त्रिपुरारी पाण्डेय ने भी अपना काम कुशलता के साथ किया है। उन्होंने इस मामले में सभी को संतुष्ट किया और सर्वोच्च स्तर पर प्रामाणिक जानकारी दी।
सैदराजा थानाक्षेत्र की घटना में पुलिस ने कार्यवाही करते हुए आजम, जाहिद और गुड्डू को गिरफ्तार किया है। इन्हें 139 / 19 में धारा 153 A , 295 A , 420 , 120 B , 182 व IT एक्ट 66 के तरह गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
चंदौली पुलिस के इस कार्य की हर जगह तारीफ की जा रही है। अब आशा की जा रही है कि देश के अन्य स्थानों पर भी पुलिस इस मुस्तैदी के साथ आरोपियों पर कार्यवाही करे।