समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे तथा सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। दोनों के खिलाफ सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिला किया है। इस हलफनामे में कहा गया था कि दोनों के खिलाफ सीबीआई को कोई सबूत नही मिला है।
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के सामने स्वीकार किया है कि प्रारंभिक जांच में दोनों के खिलाफ कुछ भी प्राप्त नही हुआ है। मुलायम सिंह और उनके बेटे के खिलाफ इस मामले के जांच 2013 में ही पूरी हो गई थी। जांच के बाद रिपोर्ट केंद्रीय सतर्कता आयोग को सौंप दी गई थी तथा मामले को बंद कर दिया गया था।
याचिकाकर्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी ने कोर्ट से मांग की थी कि वह सीबीआई को अखिलेश यादव और मुलायम यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले की जांच की रिपोर्ट अदालत के सामने पेश करने का आदेश दे। इस मामले में कोर्ट ने सीबीआई से हलफनामा दाखिल कर जवाब माँगा था।
अखिलेश यादव और उनके पिता मुलायम सिंह यादव पर आय से अधिक संपत्ति का मामला 12 साल पुराना है। इस बारे में कोर्ट के द्वारा सीबीआई को नोटिस भेजा गया था। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने जांच की रिपोर्ट सीबीआई से मांगी थी। याचिकाकर्ता की शिकायत थी कि जांच के 6 साल बाद भी रिपोर्ट क्यों नही सौंपी गई?
सीबीआई से क्लीन चिट मिलने के बाद समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव ने सुप्रीम कोर्ट को दाखिल किये गए जवाब में कहा है कि उनके खिलाफ जो याचिका दायर की गई थी वह राजनीति से प्रेरित थी। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनावों के कारण उनके खिलाफ यह अर्जी लगाई गई है। उन्होंने यह भी कहा कि आयकर विभाग के द्वारा उनके और उनके परिवार की आय की जांच की गई है। लेकिन उसे आय से अधिक संपत्ति के कोई सबूत नही मिले। मुलायम सिंह यादव ने कहा कि उनके और उनके परिवार के खिलाफ इस तरह की अर्जियों को ख़ारिज किया जाना चाहिए।