राफेल विमान सौदे में धांधली को लेकर पिछले कुछ महीनों से सरकार के खिलाफ विपक्ष मुखर रहा है। खासकर कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी हर मंच से इसे लेकर पीएम मोदी को घेरते रहते हैं। हालांकि वक़्त वक़्त पर सरकार द्वारा राफेल सौदे पर अपना पक्ष रखा गया है और विपक्षी आरोपों को खारिज भी किया गया है पर विपक्ष इससे संतुष्ट नहीं होता है और हर कुछ दिन पर नए आरोपों के साथ खड़ा हो जाता है। यहाँ तक की इस मामले में कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट भी सरकार द्वारा बताई गई बातों से संतुष्ट हो गई और सरकार को इस मामले में क्लीन चिट दे दिया इसके बावजूद विपक्ष ने आरोप लगाना बंद नहीं किया। अब इसी मामले में CAG ने अपनी रिपोर्ट जारी की है और बताया है की मोदी सरकार ने राफेल डील मनमोहन सरकार से सस्ते दरों पर की है।

इसका मतलब ये हुआ की मोदी सरकार ने इस डील में कोई फर्जीवाड़ा नहीं किया है और इस डील से भारतीय खजाने को फायदा भी पहुंचाया है। इससे ये भी साबित हो गया की विपक्षी दल इस मामले को बेवजह तूल दे रही थी और मोदी सरकार पर झूठे आरोप लगा रही थी। ना केवल सरकार बल्कि कई मीडिया हाउस भी इस मामले में सरकार के खिलाफ षड्यंत्र करते हुए खबरें चला रहे थे।  

बता दें की सीएजी द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि “मोदी सरकार ने अपनी पूर्ववर्ती यूपीए सरकार से 2.86 फीसदी सस्ती दरों पर राफेल विमानों की खरीदी की है। इस रिपोर्ट के आने के बाद राज्यसभा में हंगामा होने लग गया। जिसके बाद राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दी।

राफेल डील पर सीएजी रिपोर्ट के आ जाने के बाद सरकार की तरफ से वित्त मंत्री अरुण जेटली ने  विपक्ष पर हमला किया। जेटली ने विपक्ष पर हमलावर होते हुए कई ट्वीट किये और इनमे उन्होंने लिखा, 'ये नहीं हो सकता कि सुप्रीम कोर्ट भी गलत है, सीएजी भी गलत और सिर्फ परिवारवादी ही सही हैं। सीएजी की रिपोर्ट से 'महाझूठबंधन' का चेहरा बेनकाब हुआ है।” उन्होंने अपने ट्वीट में इस रिपोर्ट को सत्य की जीत बताते हुए सत्यमेव जयते कहा। जेटली ने कुल पांच ट्वीट कर के इस रिपोर्ट पर अपना पक्ष रखा।