बसपा प्रमुख मायावती ने मंगलवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह स्पष्ट कर दिया है कि वह राज्य में होने वाले चुनावों में अपने दम पर ही लड़ना चाहती हैं। उन्होंने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान महागठबंधन की कमियों को भी उजागर किया।  मायावती ने कहा कि चुनाव के नतीजे बहुत कुछ सोचने को मजबूर करते हैं।

समाजवादी पार्टी पर हार का आरोप लगते हुए मायावती ने कहा कि सपा के लोगों ने अच्छा मौका भी गँवा दिया।  उन्होंने सपा के मजबूत उम्मीदवारों की हार के लिए भीतरघात को वजह बताया।  उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी का बेस वोट भी उन्हें नही मिला।  

इसके साथ ही मायावती ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि यदि भविष्य में कभी सहयोग की गुंजाईश होगी तो वे दुबारा सपा के साथ आ सकती हैं।  मायावती ने यह भी कहा कि यदि सपा अपने राजनीतिक कार्यों में सफल नही होते हैं तो हमारे लिए अलग से ही कार्य करना बेहतर होगा।  इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश में होने वाले आगामी उप चुनावों में वे अकेले ही लड़ेंगी।

मायावती ने मीडिया को बताया कि जब से सपा-बसपा गठबंधन बना है तभी से सपा प्रमुख अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव ने उन्हें बहुत सम्मान दिया है।  उन्होंने कहा कि देश हित मैंने भी सारे मतभेद भुला दिए और उन्हें सम्मान दिया।  मायावती ने कहा उनके रिश्ते राजनीति तक सीमित नही हैं, वे सदा कायम रहेंगे।

उत्तर प्रदेश में लोकसभा की कुल 80 सीटों के लिए सपा ने 37 तथा बसपा ने 38 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था।  इन चुनावों में सपा को सिर्फ 5 तथा बसपा को सिर्फ 10 सीटें नसीब हुई थी।