चुनाव आयोग के दो दिन के प्रतिबंध के समाप्त होने पर मायावती ट्विटर पर जमकर बरसीं। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रतिबंध के दौरान पूजा करने और मंदिर जाने की कड़ी आलोचना की। इसके अलावा उन्होंने चुनाव आयोग पर पक्षपात करने का भी आरोप लगा डाला। आज उन्होंने ट्विटर पर अपनी भड़ास निकालते हुए दोनों को कटघरे में खड़ा किया।

ग़ौरतलब है कि बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती और योगी आदित्यनाथ पर चुनाव आयोग ने चुनाव प्रचार के दौरान आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करने और चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के कारण प्रतिबंध लगा दिया था। मायावती पर 48 घंटे और योगी आदित्यनाथ पर 72 घंटो का प्रतिबंध लगाया गया था।

प्रतिबंध के दौरान मायावती तो कुछ नही कर पायीं लेकिन योगी आदित्यनाथ ने पूजा पाठ और मंदिर-मंदिर यात्रा प्रारंभ कर दी। वैसे उन्होंने किसी नियम का उल्लंघन नही किया लेकिन उनके इस कदम से उन्हें मीडिया में काफी सुर्खियां मिलीं। शायद यही बाद मायावती को खटकने लगी और उन्होंने योगी और चुनाव आयोग दोनों को इसके लिए खरी खोटी चुना दी। इस दौरान योगी आदित्यनाथ कई मंदिरों में गए तथा उन्होंने एक दलित के यहाँ भोजन भी किया।

अपने ट्विटर प्रोफ़ाइल पर मायावती ने सीएम योगी को घेरते हुए लिखा कि उन्होंने आयोग की पाबंदी का उल्लंघन करते हुए मंदिर-मंदिर जाने और एक दलित के घर खाना खाने का ढोंग किया है तथा मीडिया से उनके कार्य को प्रचारित करवाकर अनुचित लाभ लेने की कोशिश की है। उन्होंने इस पर चुनाव आयोग की चुप्पी को भाजपा पर मेहरबानी करार दिया।

बसपा प्रमुख ने आशंका जताई कि यदि चुनाव आयोग का भेदभाव और भाजपा के प्रति उसकी मेहरबानी जारी रही को निष्पक्ष चुनाव होना संभव नही है। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा ही रहा तो जनता की बैचेनी का समाधान कैसे होगा। उन्होंने अपने ट्विटर पर भाजपा नेतृत्व पर मनमानी करने का आरोप भी लगाया।

ग़ौरतलब है कि मायावती को अपनी एक चुनावी रैली में मुसलमानों का नाम लेकर आपत्तिजनक अपील करने के कारण चुनाव आयोग ने 2 दिन का प्रतिबंध लगा दिया था।