कल शाम भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह जी ने अपने ट्विटर हेंडल से खुद को स्वाइन फ्लू की बीमारी से पीड़ित होने की जानकारी दी गई है। ट्वीट में उन्होंने लिखा कि “ईश्वर की कृपा और आप सभी के प्रेम व शुभकामनाओं से वे जल्द ही स्वस्थ हो जायेंगे।”  इस ट्वीट पर देश की तथाकथित उदारवादी मीडिया कहलाने वाले संस्थानों से सम्बंधित लोगों की ख़ुशी इस तरह बढ़ गयी कि वो खुद को इस ख़ुशी को जताने से रोक नहीं पाए और अपनी ख़ुशी को ट्विटर के माध्यम से उन्होंने जाहिर किया।

द क्विंट के सोशल मीडिया हेड स्तुति मिश्रा ने कुछ इस तरह से अपनी ख़ुशी जाहिर की। उन्होंने अपने ट्वीट में अमित शाह जी का नाम तो नहीं लिया पर खुश होते हुए पूछा की ‘क्या स्वाइन फ़्लू से लोग मर भी जाते हैं’।

जब लोगों ने यह ट्वीट देखा और द क्विंट को टैग कर कर के इस ट्वीट के लिए लताड़ना शुरू किया। कई लोगों द्वारा इस ट्वीट के खिलाफ आवाज उठाने पर द क्विंट ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने इस पर खेद जताया और इसकी माफ़ी मांगी।

ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब किसी नेता की बीमारी पर तथाकथित उदारवादी मीडिया ने अपनी ख़ुशी जताई हो। वर्ष 2009 में जब नरेंद्र मोदी को स्वाइन फ्लू हुआ था तब NDTV की पॉलिटिकल एडिटर सुनेत्रा चौधरी के लिए यह सब रोमांच और ख़ुशी का अनुभव था।

वही जब कल अमित शाह को स्वाइन फ्लू होने की खबर आयी तो इस पर भी उन्होंने अपनी ख़ुशी को छुपाने की कोशिश की पर उनसे यह ख़ुशी छुपाई नहीं गयी और उन्होंने ट्वीट के माध्यम से अप्रत्यक्ष रूप से अपनी ख़ुशी जाहिर की। इस ट्वीट में उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया पर लोग उनकी भावनाओं को समझ गए थे।

सुनेत्रा ने अपने इस ट्वीट में भले ही किसी का नाम न लिया हो पर लोगो को उनकी पुरानी हरकते याद हैं जिसमे उन्होंने तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री की बीमारी पर प्रसन्नता जताई थी। इसलिए लोगो ने उनकी भावनाओं का ध्यान रखते हुए अपने विचार व्यक्त किये।