हिन्दू महासभा के पूर्व अध्यक्ष और हिन्दू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे कमलेश तिवारी की हत्या की तरह ही अब अन्य हिन्दू नेता और राजनेता पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई के निशाने पर हैं। ऐसी संभावना है कि आरएसएस नेताओं पर पैसे देकर जेहादी हमला किया जा सकता है।  

ख़बर के मुताबिक, इस तरह की जानकारी 2 दिन पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को ख़ुफ़िया विभाग से इस तरह की जानकारी मिली है। जानकारी मिलने के बाद से ही, आरएसएस के पदाधिकारियों और राजनेताओं की सुरक्षा की समीक्षा शुरू कर दी गई है।  गृह मंत्रालय के आदेश पर इस मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने समीक्षा शुरू कर दी है।

कमलेश तिवारी हत्या के मामले में भी यह खुलासा हुआ था कि वो ISIS के निशाने पर थे। गुजरात एटीएस ने 2017 में ISIS के उबैद मिर्ज़ा और क़ासिम को गिरफ़्तार किया था। तब गुजरात एटीएस के अतिरिक्त सेंट्रल एजेंसी ने दोनों आतंकियों से पूछताछ भी की थी। पूछताछ में उन्होंने कमलेश तिवारी का नाम लिया था। इससे यह पता चलता है कि आतंकी संगठन की कमलेश तिवारी पर बहुत पहले से नज़र थी।

ख़बरों के मुताबिक, कमलेश तिवारी की हत्या के बाद से ही अन्य नेताओं को जान से मारने की धमकियाँ मिल रही थी। इस संदर्भ में सरकार से हिन्दूवादी संगठनों के कई नेताओं ने सुरक्षा की माँग भी की थी। इनमें पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ, साध्वी प्राची, उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष अमित जानी, अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के यूपी अध्यक्ष राजीव कुमार के नाम शामिल है।