चारा घोटाला में जेल की सजा काट रहे राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू यादव को झारखंड हाई कोर्ट ने राहत देते हुए देवघर कोषागार मामले में जमानत दे दी है। पर अभी वे जेल से बाहर नहीं आ सकते क्योंकि उन्हें दो अन्य मामले में भी दोषी पाया गया है जिसमें अभी तक कोर्ट से उन्हें जमानत नहीं मिली है।
लालू यादव को शुक्रवार के दिन कोर्ट ने 50 हजार के दो निजी मुलचके पर जमानत दी है। वे लंबे समय से जमानत के लिए अर्जी लगा रहे थे। चूंकि दुमका और चाईबासा मामलों में उन्हें जमानत नहीं मिली है, इसलिए अभी वे जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे। दुमका मामले में उन्हें 5 साल तथा चाईबासा के दो मामलों में उन्हें 7-7 साल तक की सजा हुई है। उन्हें सबसे कम 3.5 साल तक की सजा देवघर के मामले में हुई थी।
लालू प्रसाद यादव लंबे समय से जेल में हैं। इस दौरान तबियत बिगड़ने के कारण उन्होंने कई बार जमानत याचिका भी दायर की लेकिन उन्हें कोर्ट ने कोई भी राहत देने से मना कर दिया। उनका इलाज रिम्स अस्पताल में चल रहा है। जमानत के लिए लालू यादव सुप्रीम कोर्ट के पास भी जा चुके हैं। लेकिन वहां से भी उन्हें निराशा हाथ लगी। लेकिन देवघर मामले में आधी सजा काटने के बाद उन्हें जमानत मिल गई है।
चारा घोटाला बिहार का सबसे बड़ा घोटाला माना जाता है। इसमें फर्जीवाड़ा करके सरकार के खज़ाने से पशु चारे के नाम पर 950 करोड़ रूपये उड़ा लिए गए थे। इस मामले के मुख्य आरोपी लालू प्रसाद यादव को घोटाला उजागर होने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र देना पड़ा था। 1996 के इस मामले में लालू यादव के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र पर भी आरोप लगा था।