बीजेपी प्रत्याशी और एक्ट्रेस जया प्रदा के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) के दिग्गज नेता आजम खां ने अमर्यादित टिप्पणी की है जिसके लिए उनकी निंदा की जा रही है। आजम खान के इस तरह के बयान के लिए रामपुर के शाहबाद थाने में एफआईआर भी दर्ज हुई है। साथ ही आजम को राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी नोटिस भेजने की घोषणा की है।
बता दें कि रामपुर में आजम खान एक जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे। जिसमे उन्होंने जया प्रदा का नाम लिए बिना ही लोगों से पूछा, "क्या राजनीति इतनी गिर जाएगी कि 10 साल जिसने रामपुर वालों का खून पिया, जिसे उंगली पकड़कर हम रामपुर में लेकर आए, उसने हमारे ऊपर क्या-क्या इल्जाम नहीं लगाए। क्या आप उसे वोट देंगे?' आजम खान ने यह भी कहा कि आपने 10 साल जिनसे अपना प्रतिनिधित्व कराया, उसकी असलियत समझने में आपको 17 साल लगे, मैं 17 दिन में पहचान गया कि इनके नीचे का अंडरविअर खाकी रंग का है।"
ये ज़ुबान क्यूं ना काटी जाए ? कौन इस व्यक्ति पर कार्रवाई करेगा ? घटिया सोच घटिया ज़ुबान वाले #AzamKhan को क्या चुनाव लड़ने का अधिकार है ? @yadavakhilesh मंच पर क्या तालियां बजाने के लिए बैठे थे ? @ECISVEEP क्या कुछ करेगा या सिर्फ फिर नोटिस ? pic.twitter.com/46eWalbNvk
— Poornima Mishra (@poornima_mishra) April 14, 2019
उनके इस तरह के बयान के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव को ट्विटर के जरिये आजम खान पर निशाना साधते कहा कि रामपुर में द्रौपदी का चीर हरण हो रहा है, मुलायम सिंह यादव भीष्म पितामह की भांति मौन साधने की गलती मत कीजिये।
बता दे कि सुषमा स्वराज ने अपने ट्वीट में डिंपल यादव, जया भादुड़ी (बच्चन) और अखिलेश यादव को भी टैग किया है।
मुलायम भाई - आप पितामह हैं समाजवादी पार्टी के. आपके सामने रामपुर में द्रौपदी का चीर हरण हो रहा हैं. आप भीष्म की तरह मौन साधने की गलती मत करिये. @yadavakhilesh Smt.Jaya Bhaduri, Mrs.Dimple Yadav.pic.twitter.com/FNO5fM4Hkc
— Chowkidar Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) April 15, 2019
जानकारी दे दें कि एक जनसभा में बीजेपी प्रत्याशी जया प्रदा ने आजम के लिए बयान दिया था। इस जनसभा में जया प्रदा ने कहा कि 'आजम खां को मैंने भाई कहा, परन्तु बहन के नाम पर उन्होंने केवल बद्दुआ ही दी। हमेशा आजम खां ने मुझे जलील किया, हमेशा मेरा अपमान किया था।' उन्होंने कहा कि आजम खान मेरी बलि दे सकते हैं। ये इंसान होश में नहीं है, ये कुछ भी कर सकता है।
चुनावों के चलते वोट के लिए कुछ नेता यह तक नहीं सोचते की वह जो बोल रहे है वह सही है की नहीं।