अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) एक बार फिर विवाद के कारण सुर्ख़ियों में है। मीडिया में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में लोकसभा चुनाव 2019 के लिए मुस्लिम फ्रंट को लेकर बैठक की जा रही थी। इसी बैठक में किसी बात को लेकर विवाद हो गया और यूनिवर्सिटी के कैंपस में जमकर मारपीट की गई।

इस मारपीट में रिपब्लिक चैनल के महिला पत्रकार से साथ भी मारपीट की गई और उनके कैमरा को तोड़ दिया गया। इसके अलावा कुछ छात्रों के साथ भी मारपीट की गई। जिसके कारण में यूनिवर्सिटी में चार पांच घंटो तक लड़ाई का माहौल बना रहा। इसके बाद मौके पर सुरक्षा बल को तैनात किया गया। जानकारी के मुताबिक, करीब एक दर्जन वाहनों में तोड़फोड़ की गई और आग लगा दी गई, इस दौरान फ़ायरिंग भी हुई। इस लड़ाई में कई छात्र घायल हो गए उन्हें फ़ौरन अस्पताल में भर्ती कराया गया।

रिपब्लिक चैनल के पत्रकार ने छात्रों पर आरोप लगाते हुए कहा की रिपोर्टिंग के दौरान उनसे बदसूलकी की गई और उनके कैमरे भी तोड़ दिए गए । हम जिस स्टोरी की रिपोर्ट कर रहे थे उनका एएमयू से कोई लेना देना नहीं था। इस पर यूनिवर्सिटी के डीएम सिंह ने कहा की यह यूनिवर्सिटी के अंदर का मामला है। इस हिंसा की जाँच की जा रही है और इसके दोषियों के खिलाफ एक्शन लिया जायेगा।

छात्रों द्वारा भी रिपोर्टर पर आरोप लगाते हुए कहा गया की उन्हें कैंपस में रिपोर्टिंग करने की इजाजत नहीं थी। छात्रों ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिया कहा।  ऐसा पहली बार पहली नहीं हुआ इसके पहले भी एएमयू में कई बार लड़ाई हो चुकी है।

इस मामले में द वायर वेबसाइट के चीफ ऑफ़ ब्यूरो रघु करन्द ने ट्वीट कर के बताया की “यूनिवर्सिटी के लड़कों के अनुसार रिपब्लिक टीवी के पत्रकार युनिवर्सिटी कैम्पस में खड़े हो कर कह रहे थे की वे आतंकियों के युनिवर्सिटी में खड़े हैं। जिसके बाद वहां के लड़के उग्र हो गए।”

इस ट्वीट पर रिप्लाय करते हुए रिपब्लिक टीवी की पत्रकार जो यूनिवर्सिटी में उपस्थित थीं ने कहा की ये सब झूठ है और उन्होंने खुद वो सबकुछ अपनी आँखों से देखा था।