नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) की आखिरी सूची जारी हो गई है। गृह मंत्रालय द्वारा यह सूची शनिवार को जारी की गई। एनआरसी के राज्य समन्वयक प्रतीक हजेला ने बताया कि कुल 3,11,21,004 (3 करोड़ से ज्यादा) व्यक्तियों को इस अंतिम सूची में सम्मिलित करने के योग्य पाया गया। इसके अतिरिक्त 19,06,657 (19 लाख से ज्यादा) व्यक्ति लिस्ट में सम्मिलित नहीं हो सके क्योंकि इन लोगों ने अपने दावे पेश नहीं किए थे। रिजल्ट से संतुष्ट नहीं होने पर वे विदेशी ट्रिब्यूनल के समक्ष अपनी अपील दायर कर सकते हैं।

ऐसी अपीलों से निपटने के लिए असम सरकार राज्य में 400 विदेशी ट्रिब्यूनलों की स्थापना भी करेगी। इस साल 31 दिसंबर तक लोग अपील को दाखिल कर सकते हैं। 30 जून 2018 को असम सरकार ने एनआरसी का दूसरा मसौदा जारी किया था। इस दौरान 41 लाख लोगों को लिस्ट से बाहर किया गया था। यह आंकड़ा फाइनल लिस्ट में घटकर 19 लाख तक आया है।

पूरे राज्य को लोगों में भय का माहौल होने के कारण हाई अलर्ट पर रखा गया है परन्तु इससे लोगों को डरने की आवश्यकता नहीं है। पहले ही केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अपनी नागरिकता जो लोग खो देंगे उन्हें डिटेंशन सेंटर नहीं भेजा जाएगा।

लोगों से गृह मंत्रालय ने अपील की है कि एनआरसी की अंतिम सूची आने पर इससे जुड़ी किसी भी तरह की अफ़वाह पर भरोसा न करें। मंत्रालय ने यह साफ किया है कि किसी व्यक्ति का लिस्ट में नाम शामिल नहीं होने का यह अर्थ नहीं है कि उसे विदेशी घोषित किया जायेगा। मंत्रालय ने कहा कि अंतिम लिस्ट से बाहर रह गए समस्त लोग विदेशी ट्रिब्यूनल में अपील कर सकते हैं।इसके लिए विदेशी ट्रिब्यूनल की संख्या भी बढ़ाई जा रही है।