10 जनवरी को दिल्ली की लोकायुक्त रेवा खेत्रपाल द्वारा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नोटिस देकर उनकी संपत्ति का विवरण माँगा गया था। केजरीवाल के साथ साथ उनकी पार्टी के अन्य 68 विधायकों को भी इस संदर्भ में नोटिस दिया गया था। दिल्ली विधानसभा के सचिव को भी लोकायुक्त ने नोटिस भेजा की भाजपा के 4 और AAP के 64 विधायकों को नोटिस मिलने के 1 सप्ताह के भीतर सभी की संपत्ति का विवरण देना होगा। आपको बता दे की इस नोटिस में विधानसभा की उपाध्यक्ष, विधानसभा अध्यक्ष को शामिल नहीं किया है।

इस नोटिस के मिलने के बाद भाजपा विधायकों के साथ साथ मनजिंदर सिंह सिरसा जो की अकाली दल के विधायक है ने भी लोकायुक्त कार्यालय में अपनी संपत्ति का ब्यौरा दे दिया है। इसके अलावा विधायक कपिल मिश्रा ने भी आज अपनी संपत्ति का विवरण जाकर दे दिया है। पर गौर करने की बात यह है की अभी तक भी किसी भी आम आदमी पार्टी के विधायक ने अपनी संपत्ति का लेखाजोखा लोकायुक्त कार्यालय में नहीं दिया है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी अभी तक अपनी संपत्ति का विवरण नहीं दिया है जो की इस पार्टी के मुखिया है। यदि मुखिया ही विवरण नहीं देंगे तो उनके विधायक अपनी संपत्ति को घोषित करने के बारे में तो ज़रूर सोचेंगे।
जानकारी दे दें की संपत्ति का विवरण देना नियमों के अनुसार जरूरी है लेकिन नोटिस को जारी किये 18 दिन बीत गए है। इस बात पर कपिल मिश्रा जो की दिल्ली के पूर्व जल मंत्री रह चुके है ने अरविंद केजरीवाल पर वार करते हुए कहा की “जनलोकपाल के नाम पर सत्ता में आने वाले अपनी सम्पत्ति क्यों छिपा रहे हैं?”

मनजिंदर सिंह सिरसा जो की अकाली दल के विधायक है ने भी केजरीवाल और उनके मंत्रियो पर निशाना साधते हुए कहा की ‘4 साल में गैरकानूनी तरीके से आखिर कितनी सम्पत्ति बना ली हैं कि आज हिसाब देते हुए डर लग रहा हैं, क्रांतिकारी लीडर ऐसे होते हैं।’

केजरीवाल और उनके मंत्रियों द्वारा संपत्ति कर का ब्यौरा ना देना आपत्तिजनक है जो की उन  पर कई सवाल खड़े कर सकता है।