देश के कई राज्यों में नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर समुदाय विशेष द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है। पिछले दिनों दिल्ली में भी छात्रों ने प्रदर्शन किया था। इस प्रदर्शन में भी दिल्ली में कई जगह हिंसा, पथराव और आगजनी भी हुई थी। इस घटना का कई लोगों ने समर्थन किया तो कई लोगों ने विरोध भी किया था। घटना पर राजनीति, फ़िल्मी दुनिया सहित कई लोगों ने अपना मत रखा था। आज इस घटना पर आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।
दिल्ली में छात्रों द्वारा की गई हिंसा को लेकर बिपिन रावत ने अपनी सख़्त प्रतिक्रिया देते हुए कहा "नेता वे नहीं हैं जो लोगों को गलत दिशा दिखाते हैं। जैसा कि हम विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में देख रहे हैं। छात्र शहरों और कस्बों में आगजनी और हिंसा भड़काने वाली भीड़ का नेतृत्व कर रहे हैं। यह नेतृत्व नहीं है।"
अपने इस संबोधन में आर्मी चीफ ने देश की सुरक्षा में लगे जवानों के जोश और जुनून को नमन करते हुए कहा "जब हम दिल्ली में खुद को ठंड से बचाने में लगे होते हैं तब सियाचिन में सॉल्टोरो रिज पर हमारे जवान देश की सुरक्षा में लगातार खड़े रहते हैं, वहां तापमान -10 से -45 डिग्री के बीच रहता है। मैं उन जवानों को सलाम करता हूँ।"
आर्मी चीफ के इस बयान पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि “'किसी के पद की सीमाओं को जानना ही नेतृत्व है। नागरिक सर्वोच्चता के विचार को समझने तथा अपने अधीन मौजूद संस्थान की अखंडता को सुरक्षित रखने के बारे में है।''
ग़ौरतलब है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर समुदाय विशेष भारी विरोध कर रहा है। दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया एवं उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भी जमकर प्रदर्शन किया गया था। इस प्रदर्शन में कई छात्र और पुलिसवाले भी घायल हुए है।