लोकसभा चुनाव 2019 का चौथा चरण पूर्ण हो चूका है। अब राजनीतिक दल अगले चरण के चुनावों की तैयारियों में लगे हुए है। इसी बीच समाजसेवी अन्ना हजारे ने पत्रकारों से बातचीत में कहा की उन्हें पहले अरविंद केजरीवाल में देश को उज्जवल भविष्य बनाने की राह पर चलने वाला इंसान दिखाई देता था। परन्तु यह सत्य नहीं था उनके द्वारा देखा गया सपना टूट चूका है। उन्होंने कहा की आज मुझे देश में ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं दिखता जो इस देश के भविष्य का निर्माण कर सकता है। देश के लिए त्याग कर सकता है।

इतना ही नहीं उन्होंने आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के मध्य गठबंधन की चर्चा के लिए भी दुःख व्यक्त किया। अन्ना हजारे ने आगे कहा, '2009 से 2011 तक जिस कांग्रेस के विरुद्ध बढ़ते हुए भ्रष्टाचार के लिए जन आंदोलन किया था और इस आंदोलन का नेतृत्व अरविंद ने किया था। वह आज उसी भ्रष्टाचारी कांग्रेस के साथ हाँथ मिलाना चाह रहे है इसलिए मैं दुखी हूं।

उन्होंने ने कहा कि उन्हें बहुत आशा थी कि यदि अरविंद की पार्टी सत्ता में आती है तो वह देश में एक मिसाल कायम करेगी। उन्हें लगा की ऐसा होने से देश में बदलाव आएगा। लेकिन सत्ता का नशा अलग ही होता है। सत्ता में आने बाद पता नहीं लोगो को क्या हो जाता है? जो आंदोलन मैंने शुरू किया वह समाज की भलाई हेतु किया था और वह कुर्सी के लिए नहीं था।

अरविंद उन्हें भूल गए और वह अब सत्ता और पैसे दोनों में लिप्त हो गए हैं जिसके लिए वह किसी के भी साथ हाथ मिलाने को तैयार है। अरविन्द के सत्ता में आते ही विचार बदल गए उन्होंने बंगला भी ले  लिया और सब पार्टी से ज्यादा तनख्वाह भी ली।

अन्ना हजारे ने यह भी कहा कि किसी के साथ भी आम आदमी पार्टी को नहीं जाना चाहिए था। बीजेपी के विषय में अन्ना हजारे ने कहा, जो वादे मुझसे बीजेपी सरकार ने किए, उनमें से सारे वादे पूरे नहीं किए परन्तु लोकपाल नियुक्ति, लोकायुक्त पर सकारात्मक कदम उठाया गया है।