बीजेपी अभी से ही अपनी स्थिति को मजबूत बनाने में लग गयी है। वह उन स्थानों पर फोकस कर रही है जहाँ से उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। जैसे की यदि पीएम मोदी की बात की जाए तो लोकसभा चुनावों में उनके वाराणसी संसदीय क्षेत्र में ही एक दर्जन बूथ ऐसे थे जहाँ उन्हें सिर्फ तीन से दस वोट ही मिल सके। कैंट विधानसभा में 234 नंबर के बूथ पर उन्हें केवल सात वोट मिले वहीं 272 नंबर के बूथ दुर्गाचरण बालिका इंटर कालेज में उन्हें सिर्फ 7 वोट मिले। देखा जाए तो बनारस के 1 दर्जन बूथों की यही स्थिति थी।

इसी कारण बीजेपी ने छह जुलाई से शुरू हुए सदस्यता अभियान में ऐसे बूथों पर फोकस किया है। पार्टी सूत्रों के अनुसार बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और कार्यवाहक अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हारे हुए बूथों को भी जीत में परिवर्तित करने की ज़िम्मेदारी पार्टी पदाधिकारियों को दी है। इसके लिए कड़ी मेहनत करने के निर्देश भी दिए गए है। इतना ही नहीं राष्ट्रीय सदस्यता प्रभारी शिवराज सिंह चौहान ने भी समस्त प्रदेश इकाइयों को इस सम्बन्ध में दिशा-निर्देश जारी कर दिया है।

बीजेपी की उत्तर-प्रदेश इकाई के प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने बताया कि 6 जुलाई को संगठन पदाधिकारियों की क्षेत्रवार ड्यूटी लगायी गयी थी। अपने-अपने क्षेत्र में जाकर सभी ने  संगठन पर्व के तौर पर सदस्यता अभियान शुरू भी कराया। बूथ लेवल पर अब नए सदस्य बहुत तेजी के साथ जुड़ रहे हैं। शुक्ला ने यह भी बताया कि 8980808080 पर मिस्ड कॉल दे कर या फिर नमो एप से बीजेपी सदस्य बनाने की प्रक्रिया चलाई जा रही है। इतना ही नहीं ऑनलाइन बनने वाले सदस्यों का सत्यापन भी करने की व्यवस्था की गयी है।

उन्होंने कहा कि केंद्र में मोदी सरकार के होने और यूपी में योगी सरकार की जन कल्याणकारी नीतियों की वजह से अब दूसरे दलों के वोटर भी बीजेपी के सदस्य बनना चाह रहे है। कमजोर बूथ को पार्टी ने चिन्हित कर लिया हैं और इन कमजोर बूथों पर उतने ही नए सदस्य बनाए जायेंगे, जितने वोटों से पिछले चुनाव में पार्टी में हारी है। ऐसा करने से बीजेपी हर बूथ पर मजबूत होगी। अभी तक यूपी में एक करोड़ 20 लाख सदस्य हैं। इसमें बीजेपी कम से कम 20 प्रतिशत और सदस्यों को जोड़ने वाली है।